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संगठन के प्रति समर्पण की अतुल कपूर ने की नई पहल, सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा वीडियो, प्रदेश के एकमात्र नेता बने, पढ़ें क्या किया ऐसा?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
पूर्व उपसभापति और भाजपा पार्षद अतुल कपूर अक्सर कुछ न कुछ ऐसा अलग करते रहते हैं जिसके कारण वह सुर्खियां तो बटोरते ही हैं, दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बन जाते हैं। अबकी बार भी उन्होंने कुछ ऐसा ही किया है जिसने उन्हें शहर में ही नहीं प्रदेश स्तर पर भी अलग पहचान दिलाई है। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है और लोग इसे बेहद पसंद भी कर रहे हैं।
दरअसल, विगत 29 अक्टूबर को केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मेरा परिवार, भाजपा परिवार सदस्यता अभियान की शुरुआत करते हुए एक वर्चुअल रैली को संबोधित किया था। पूरे उत्तर प्रदेश के आम से लेकर खास नेता तक इस रैली के गवाह बने लेकिन प्रदेश में संभवत: अतुल कपूर एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने इस अभियान के मूल उद्देश्य को सार्थक करते हुए अपने पूरे परिवार के साथ इस रैली में हिस्सा लिया। इसमें बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी सदस्य शामिल हुए। लगभग एक घंटे तक चले इस कार्यक्रम में उनके परिवार के साथ ही उनके मित्र भी शामिल हुए। सभी लोग भाजपा का पटका भी पहने हुए थे।

रैली के बाद जब अतुल कपूर ने यह वीडियो अपने फेसबुक, ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर डाला तो लोगों ने उसे काफी सराहा और पसंद भी किया। इसकी एक वजह यह भी थी कि भाजपा कार्यकर्ताओं और नेताओं ने इस रैली में भाग तो लिया था मगर परिवार के साथ हिस्सा लेना किसी ने भी जरूरी नहीं समझा जबकि अभियान का थीम ही मेरा परिवार, भाजपा परिवार था। खास तौर पर अतुल कपूर का वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने उन भाजपा नेताओं को ट्रोल करना शुरू कर दिया जो अतुल कपूर की तरह 124 शहर विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी में लगे हैं। इनमें से कोई भी मेरा परिवार, भाजपा परिवार सदस्यता अभियान के मूल उद्देश्य को सार्थक करने की दिशा में तत्पर नजर नहीं आया। अतुल कपूर यहां भी बाजी मार ले गए और उन्होंने यह साबित कर दिखाया कि संगठन के अभियान को वह किस नजरिये से देखते हैं और उसे साकार रूप देने के लिए कितनी गंभीरता से कार्य करते हैं। बहरहाल, भाजपा में विधानसभा के टिकट का वितरण जिन तीन आधारों पर किया जाता है उनमें से एक आधार संगठन के प्रति समर्पण भी है और अतुल कपूर यह साबित करने में पूरी तरह सफल साबित हुए हैं कि वह संगठन के प्रति कितने समर्पित हैं।

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