नीरज सिसौदिया, बरेली
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का जन्मदिन इस बार कई मायनों में अहम माना जा रहा है। एक तरफ जहां नेताजी के जन्मदिन के दिन पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव गठबंधन को लेकर अहम फैसलों का खुलासा करेंगे वहीं, दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट भी जारी होने का रास्ता साफ हो जाएगा। बात अगर बरेली जिले की करें तो यहां की चार सीटों पर उम्मीदवारों को हरी झंडी दे दी गई है। पार्टी मुख्यालय के विश्वसनीय सूत्र बताते हैं कि नवाबगंज, भोजीपुरा और फरीदपुर सहित चार सीटों पर भावी प्रत्याशियों के नाम फाइनल किए जा चुके हैं। हालांकि, चौथी सीट कौन सी है इस बारे में सूत्र स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहते लेकिन संभावना जताते हैं कि मीरगंज एवं कैंट में से एक सीट पर भी प्रत्याशी का नाम फाइनल किया जा चुका है।
नवाबगंज से भगवत सरन गंगवार, फरीदपुर से ब्रह्म स्वरूप सागर और भोजीपुरा से शहजिल इस्लाम को हरी झंडी, पढ़ें अन्य सीटों का क्या है हाल?
इसके अतिरिक्त बहेड़ी विधानसभा सीट पर मौजूदा नगरपालिका चेयरमैन पति नसीम अहमद की दमदार दावेदारी के चलते पेंच फंसा हुआ है। यहां पूर्व मंत्री अता उर रहमान और नसीम अहमद में मुख्य मुकाबला है। सूत्र बताते हैं कि इस पेंच के चलते बहेड़ी विधानसभा सीट के प्रत्याशी की घोषणा जनवरी माह तक लटक सकती है। हालांकि, यहां दोनों ही प्रबल दावेदारों को क्षेत्र में जाकर तैयारी करने को कहा गया है।
वहीं, नवाबगंज सीट पर पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार का रास्ता एकदम साफ है। सूत्र बताते हैं कि भगवत सरन गंगवार को हरी झंडी दे दी गई है। इसी तरह फरीदपुर सीट पर पूर्व विधायक विजयपाल सिंह पर ब्रह्मस्वरूप सागर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस सीट पर ब्रह्मस्वरूप सागर को हरी झंडी दे दी गई है। हालांकि, विजयपाल सिंह की मजबूत दावेदारी पर भी विचार किया जा रहा है, इसलिए इस सीट पर नेताजी के जन्मदिन के बाद ही कोई स्पष्ट फैसला हो पाएगा लेकिन सूत्र बताते हैं कि ब्रह्म स्वरूप सागर का नाम लगभग फाइनल है।
इसी प्रकार भोजीपुरा सीट पर काफी मशक्कत के बाद भी पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम का किला तोड़ने में विरोधी कामयाब नहीं हो पा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि इस सीट पर शहजिल इस्लाम को हरी झंडी दे दी गई है। हालांकि, धर्मेंद्र यादव का जोर चला तो इस सीट पर नया चेहरा भी सामने आ सकता है। फिलहाल अखिलेश यादव अपने चचेरे भाई से इसलिए नाराज हैं क्योंकि धर्मेंद्र यादव के परिवार का एक सदस्य भाजपा के टिकट पर जिला पंचायत की कुर्सी पर बैठा है। सूत्र बताते हैं कि इसी नाराजगी के चलते ही पूर्व केंद्रीय मंत्री सलीम शेरवानी को धर्मेंद्र यादव के विकल्प के तौर पर लाया गया है। ऐसे में धर्मेंद्र यादव की सिफारिश दावेदार को उम्मीदवार बनाने में कितनी कामयाब हो पाएगी यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
इसके अलावा बिथरी विधानसभा सीट पर सपा के दावेदारों को बड़ा झटका लग सकता है। नेताजी के जन्मदिन पर शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन होने पर बिथरी सीट शिवपाल यादव के खाते में जाने की प्रबल संभावनाएं हैं। ऐसे में प्रसपा के मुख्य महासचिव वीरपाल सिंह यादव का गठबंधन का उम्मीदवार बनना तय माना जा रहा है। हालांकि, कमलेश पटेल और शुजा खान की दावेदारी भी यहां मजबूत मानी जा रही है। शिवचरन कश्यप को पहले ही प्रदेश कार्यकारिणी में जगह देकर विधानसभा की दौड़ से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है।
मीरगंज में सुल्तान बेग की बादशाहत कायम रहेगी या जाएगी, इस पर संशय है। पार्टी मुख्यालय के कुछ सूत्रों का कहना है कि सुल्तान बेग को हरी झंडी दे दी गई है जबकि कुछ का कहना है कि सुल्तान बेग को हरी झंडी न मिलने की वजह से ही उनके भाई डा. अनीस बेग ने शहर विधानसभा सीट से आवेदन किया है ताकि अखिलेश यादव पर दबाव बनाकर कम से कम एक सीट तो हासिल की जा सके। हालांकि, सुल्तान का टिकट काटकर मीरगंज जीतना दूसरे दावेदार के लिए आसान नहीं होगा।
कैंट विधानसभा सीट पर हिन्दू-मुस्लिम को लेकर पेंच फंसा है। हालांकि, सूत्र बताते हैं कि इस सीट से अगर मुस्लिम उम्मीदवार उतारा जाएगा तो वह इंजीनियर अनीस अहमद खां ही होंगे। वहीं, अगर यह सीट हिन्दुओं के खाते में जाती है तो पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अनुराग सिंह नीटू और उपजा प्रेस क्लब अध्यक्ष डा. पवन सक्सेना में से कोई एक उम्मीदवार होगा। चर्चाएं यह भी हैं कि सुप्रिया एरन भी आखिरी वक्त पर आकर सपा के दावेदारों का खेल बिगाड़ सकती हैं। हालांकि, इन चर्चाओं के बारे में सुप्रिया एरन सिर्फ इतना ही कहती हैं कि चर्चाएं होती रहनी चाहिए। फिलहाल उनके पोस्टर में प्रियंका गांधी ही नजर आ रही हैं। अनुराग सिंह नीटू का क्षत्रिय कार्ड चला तो टिकट उनके खाते में बेहद आसानी से जा सकता है। हालांकि, उपजा प्रेस क्लब अध्यक्ष डा. पवन सक्सेना पहले दिन से ही अखिलेश यादव की गुडलिस्ट में बताए जाते हैं। अगर सपा ने यहां ब्राह्मण कार्ड खेला तो साधना मिश्रा के नाम पर भी विचार संभव है।
शहर विधानसभा सीट पर पूर्व प्रत्याशी अनिल शर्मा और नगर निगम में विपक्ष के नेता राजेश अग्रवाल का नाम शीर्ष पर है। हालांकि, मो. कलीमुद्दीन, अब्दुल कय्यूम खां मुन्ना और डा. अनीस बेग पूरा जोर लगा रहे हैं कि इस सीट से मुस्लिम प्रत्याशी उतारा जाए। अगर शहर से मुस्लिम प्रत्याशी उतारा जाता है तो वरिष्ठता के आधार पर पहला नाम अब्दुल कय्यूम मुन्ना का सामने आता है। वहीं इलाके में सक्रियता और समाजसेवा के काम के आधार पर मोहम्मद कलीमुद्दीन की दावेदारी सबसे मजबूत नजर आती है। साफ सुथरी छवि और राजनीतिक पृष्ठभूमि के आधार पर डा. अनीस बेग ज्यादा मजबूत दिखाई देते हैं।
आंवला सीट का फैसला भी पहली सूची में होने की संभावना जताई जा रही है। यहां फिलहाल प्रत्याशी के नाम पर संशय है।