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मेयर डा. उमेश गौतम ने खाई फाइलेरिया की दवा, जानिये क्या है वजह?

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नीरज सिसौदिया, बरेली

फाइलेरिया संक्रमण से बचने के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) राउंड चल रहा है। इस अभियान के तहत जिले में कुल 4347000 आबादी को नि:शुल्क दवा खिलाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी अभियान के तहत सोमवार को पीसीआई संस्था के सहयोग से नगर निगम कार्यालय में माननीय महापौर डॉ. उमेश गौतम द्वारा फाइलेरिया की दवा खाकर लोगो से फाइलेरिया की दवा का सेवन करने तथा जनपद बरेली को फाइलेरिया मुक्त करने में सहयोग की अपील की गई ।

महापौर डॉ. उमेश गौतम ने कार्यालय में उपस्थित समस्त पार्षद गढ़ से फाइलेरिया की दवा खाने की अपील की और कहा आपके क्षेत्रों में जितने भी लोग है उनके घर घर जाकर फाइलेरिया की दवा का सेवन करने के लिए जागरूक करने पर जोर दिया | उन्होंने कहा अगर आवश्यकता पड़े तो अपने सामने ही दवा का सेवन कराये ताकि कोई भी व्यक्ति फाइलेरिया की दवा खाने से वंचित न रहे | उन्होंने कहा बरेली शहर स्मार्ट सिटी तभी बनेगा जब सब बीमारियों से मुक्त होगा |

रवि तिवारी , जिला कोऑर्डिनेटर पीसीआई संस्था ने बताया फाइलेरिया और कृमि नाशक दवा पूरे जनपद के व्यक्तियों को खिलाई जा रही है। फाइलेरिया की दवा बहुत ही सुरक्षित दवा है। शरीर पर इसका कोई भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। जिले में अब तक कुल 17 लाख 9 हज़ार 233 लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाई जा चुकी है। दवा पेट में कृमियों को समाप्त करने के लिए दी जाती है। पेट में अधिक कीड़े या कृमि होने और फाइलेरिया का संक्रमण जिनमें होता है, उनमें दवा देने पर व्यक्तियों को प्रतिकूल प्रभाव जैसे हल्का चक्कर, थोड़ी घबराहट या उल्टी हो सकती है, जो दो से चार घंटे में स्वत: ही समाप्त हो जाती है।

उन्होंने बताया दवा के थोड़े प्रतिकूल प्रभाव दिखने पर घबराने की आवश्यकता नहीं है, व्यक्ति को थोड़े समय के लिए खुली हवा में लेटा दें व पानी पिला दें। कुछ समय में दवा खाने वाला व्यक्ति सामान्य अवस्था में आ जाता है। यह दवा सभी को नियमानुसार खानी अनिवार्य है। इस दवा के सेवन ना करने से पेट में होने वाले कीड़े या कृमि से व्यक्तियों के शरीर में खुराक नहीं लगती और व्यक्ति शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होने लगता है। आदमी के कमजोर शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां होने लगती हैं।

उन्होंने बताया फाइलेरिया एक गंभीर रोग है जिसे फाइलेरिया की दवा सेवन से ही बचा जा सकता है। कभी-कभी फाइलेरिया के परजीवी शरीर में होने के बाद भी इसके लक्षण सामने आने में वर्षों लग जाता है। इसलिए फाइलेरिया की दवा का सेवन सभी लोगों के लिए लाभप्रद है। उन्होंने बताया लोग खाली पेट दवा का सेवन नहीं करें। । उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं, गंभीर रूप से बीमार लोग या 2 साल से कम उम्र के बच्चों को दवा का सेवन नहीं करना है।

उन्होंने बताया ऐसे लेनी है फाइलेरिया की दवा:
2 से 5 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की एक गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली,
6 से 14 वर्ष तक के बच्चों को डीईसी की दो गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली एवं
15 वर्ष से अधिक लोगों को डीईसी की तीन गोली एवं अल्बेंडाजोल की एक गोली दी जाएगी। अल्बेंडाजोल का सेवन चबाकर किया जाना है।

इस अवसर पर पीसीआई संस्था के नेशनल प्रोग्राम मेनेजर रनपाल सिंह, जिला कोऑर्डिनेटर रवि तिवारी , शुभम रस्तोगी , अर्बन कोऑर्डिनेटर शाहिद हुसैन एवं सुपरवाइजर दीप्ती पाठक एवं रौशनी तोमर मौजूद रहे |

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