नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली विकास प्राधिकरण भ्रष्टाचार का अड्डा बनता जा रहा है। बीडीए के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये की चपत लगाई जा रही है। वहीं, अधिकारियों का खजाना भरता जा रहा है। बीडीए अधिकारियों की मिलीभगत के एक ऐसे ही काले कारनामे का खुलासा वरिष्ठ भाजपा नेता, पार्षद एवं बरेली विकास प्राधिकरण के सदस्य सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा ने किया है। बरेली विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष को लिखे शिकायत पत्र में मम्मा ने आरोप लगाया है कि बीडीए के भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत से बीडीए की बेशकीमती जमीन को एक नर्सरी के लिए दे दिया गया जबकि उक्त जमीन का मामला न्यायालय में लंबित है।

उन्होंने लिखा है कि पीलीभीत बाईपास रोड पर तुलाशेरपुर स्थित पंजाब नेशनल बैंक के ठीक सामने बीडीए की बेशकीमती जमीन गाटा संख्या 95/2 स्थित है। जिस पर विवाद के चलते मामला न्यायालय में विचाराधीन है। बीडीए के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से इस जमीन को दौलत नर्सरी के लिए दे दिया गया है। इसमें नर्सरी के मालिक ने एक सबमर्सिबल और बिजली का मीटर भी लगवा लिया है। इतना ही नहीं नर्सरी मालिक ने इस जमीन पर कारोबार भी शुरू कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि नर्सरी मालिक की ओर से बीडीए के अधिकारियों को प्रतिमाह मोटी धनराशि रिश्वत के रूप में दी जाती है। इसलिए उक्त नर्सरी संचालक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
बता दें कि सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा ने विगत 12 दिसंबर को भी मामले की शिकायत की थी। उन्होंने साक्ष्य के तौर पर फोटो और वीडियो भी प्रस्तुत किए थे। इसके बावजूद बीडीए के उपाध्यक्ष ने मामले को दबा दिया। नतीजतन नर्सरी संचालक से हौसले और बुलंद हो गए। साथ ही बीडीए को राजस्व की चपत भी लग रही है। क्योंकि यही जमीन अगर नियमानुसार किराये पर दी जाती तो बीडीए को किराये के रूप में मोटी आमदनी होती लेकिन बीडीए के कुछ अधिकारी अपनी जेबें गर्म करने में लगे हुए हैं।
मम्मा ने इस मामले की तत्काल जांच कराने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव सिर पर हैं और बीडीए के अधिकारियों के ऐसे कारनामों की वजह से योगी सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है। ये अधिकारी बैठे बिठाए विपक्ष को मुद्दे दे रहे हैं।
इस संबंध में जब बीडीए के वीसी जोगिंदर सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो पाया। अगर वह चाहें तो मोबाइल नंबर 7528022520 पर फोन करके या वॉट्सएप के माध्यम से अपना पक्ष दे सकते हैं। हम उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे।