मत हार फिर रोशन सबेरा होगा।
वैसा ही फिर सुखों का डेरा होगा।।
सुख दुःख तो धूप छाँव की तरह।
अब नहीं इन दुःखो का घेरा होगा।।
मेहनत से बस मुँह तू मत मोड़ना।
देखना नहीं भाग्य का फेरा होगा।।
जरा अपने दम कुछ कर दिखायो।
कहेगा हर कोई कि तू मेरा होगा।।
*हंस* बस हौंसला कभी मत खोना।
याद रखआने वाला कल तेरा होगा।।
रचयिता – एस के कपूर “श्री हंस” बरेली