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सावित्री बाई फुले की जयंती पर इं. अनीस अहमद ने शुरू किया एक और अभियान, कैंट की सियासत में गेम चेंजर की भूमिका निभा सकता है यह अभियान, जानिये कैसे?

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नीरज सिसौदिया, बरेली

देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले की जयंती पर बरेली कैंट विधानसभा सीट से सपा के टिकट के प्रबल दावेदार इंजीनियर अनीस अहमद खां ने एक और अभियान का आगाज किया। यह अभियान दलित और पिछड़े समाज को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के साथ ही समाजवादी पार्टी से दलित और पिछड़े समाज को जोड़ने का अभियान भी है। इस अभियान के तहत इंजीनियर अनीस अहमद एवं उनकी टीमें कैंट विधानसभा सीट की हर गली और हर मोहल्ले में जाकर दलितों और पिछड़ों के साथ विचार गोष्ठियों का आयोजन करेगी और दलितों एवं पिछड़ों को जागरूक करने के साथ ही उनके विचारों को भी जानेगी। इस अभियान की शुरुआत दलितों और पिछड़ों के लिए ऐतिहासिक कार्य करने वाली सावित्री बाई फुले की जयंती पर करके उक्त समाज को एक नया संदेश देने का प्रयास किया गया है। समाजवादी बाबा साहब अंबेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय सचिव सुरेंद्र सोनकर इस अभियान के सूत्रधार रहे।

बता दें कि एक दौर था जब समाजवादी पार्टी पिछड़ों और मुसलमानों की राजनीति के दम पर ही सत्ता पर काबिज होती थी। इन पिछड़ों में कुर्मी, मौर्य, माली सहित कई बिरादरियां शामिल हुआ करती थीं लेकिन वक्त के साथ भाजपा ने भी पिछड़ों की राजनीति शुरू कर दी और दलित मायावती के साथ जुड़ गए। पिछड़े चुनाव में भाजपा ने केशव प्रसाद मौर्य के चेहरे को आगे कर पिछड़ों का वोट हासिल किया लेकिन ऐन वक्त पर सीएम योगी आदित्यनाथ को बना दिया। इंजीनियर अनीस अहमद खां यह बात बाखूबी जानते हैं। यही वजह है कि सपा में शामिल होने के साथ ही उन्होंने दलितों और पिछड़ों पर ही पूरा फोकस रखा। इसी कड़ी में उन्होंने कैंट विधानसभा से जुड़े सैकड़ों बसपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी में शामिल कराया। ऐतिहासिक मतदाता जागरूकता अभियान, कोरोना वैक्सीनेशन कैंप और ईश्रम योजना के कार्ड बनवाने जैसे अभियान तो वह पहले ही चला रहे थे लेकिन अब वह एक ऐसा अभियान लेकर आए हैं जो कैंट विधानसभा सीट की सियासत में गेम चेंजर साबित होगा। इस अभियान के जरिये दलित वोटों का सपा की ओर ध्रुवीकरण बेहद आसान हो जाएगा। चूंकि कैंट विधानसभा में इस बार दलित और पिछड़ों का दस से पंद्रह हजार वोट अगर भाजपा से डायवर्ट होकर सपा के पाले में आ जाता है तो सपा यह सीट आसानी से फतह कर ले दी। यही वजह है कि इंजीनियर अनीस अहमद अब घर, गली, मोहल्लों में सभाओं की जगह विचार गोष्ठी के माध्यम से दलित समाज के ध्रुवीकरण की तैयारी कर रहे हैं।

इस अभियान का आगाज बदायूं रोड स्थित दिव्या पैलेस में एक गोष्ठी के आयोजन के साथ किया गया। इसका शुभारंभ इंजीनियर अनीस अहमद खां ने बाबा साहब अंबेडकर और सावित्री बाई फुले के चित्र पर माल्यार्पण कर किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इंजीनियर अनीस अहमद खां ने कहा कि सावित्री बाई फुले के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। आज जो अंबेडकरवादी लोग हैं उन्हें एक प्लेटफार्म की जरूरत है। स्व. कांशीराम ने उन्हें एक प्लेटफॉर्म दिया था लेकिन वह आज भटक गया है। इसलिए आज इस तरह की गोष्ठियां आयोजित करने की जरूरत है। गोष्ठियों में जब चर्चा होती है तो लोगों की बात आसानी से समझी जा सकती है। विचारधारा सोच से जन्म लेती है। मैं हमेशा दबे कुचले लोगों से साथ खड़ा रहा। आप लोग मेरा परिवार हैं। मैं हमेशा आपके साथ खड़ा रहूंगा। मेरा आप सभी से निवेदन है कि इस तरह की गोष्ठियां लगातार आयोजित की जानी चाहिये। आज सरकार संविधान को खत्म करने पर तुली है। मैं जानता हूं कि कभी भी दलित समाज संविधान को खत्म नहीं होने देगा लेकिन उसके लिए हमें उन्हें जागरूक करना होगा जिसमें ये गोष्ठियां अहम भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि आज बाबा साहब के मिशन को प्रदेश में सिर्फ अखिलेश यादव ही आगे बढ़ा रहे हैं। हमें उनके साथ खड़ा होना है। ताकि भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए।
गोष्ठी में विचार रखते हुए विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि बाबा साहब की लड़ाई आज भी पूरी नहीं हो पाई है। सामाजिक कटुता लाने वाले लोगों के खिलाफ हमें एकजुट होना होगा। जो पार्टियां हमारे अधिकारों को हमारी ताकत को खत्म करना चाहती हैं हमें उनके खिलाफ वोट का इस्तेमाल करना है।इस देश में हमारा सबसे बड़ा रक्षक संविधान है और भाजपा वाले संविधान खत्म कर रहे हैं।बीजेपी को हराने का यह आखिरी मौका है, इसके बाद कोई मौका नहीं है।यह चुनाव नहीं बल्कि भारत को बचाने का महासंग्राम है। अगर अब नहीं जागे तो कुछ नहीं बचेगा।
इसलिए समाजवादी पार्टी को जिताना है और अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाना है।
मौके पर मौजूद दलित और पिछड़े समाज के लोगों ने एकसुर में कैंट विधानसभा सीट से इंजीनियर अनीस अहमद खां को टिकट देने की मांग की।
इस अवसर पर लल्ला बाबू सोनकर, जितेंद्र पाल सिंह,पप्पू राणा, हरि सिंह वरदान, डा. अरुण, डा. हरपाल सोनकर, पिंटू सोनकर, रामसेवक प्रजापति, दानिश, मुकेश कुमार कोहली, गुरु प्रसाद काले सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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