नीरज सिसौदिया, बरेली
कुछ सियासतदानों की न तो पक्की जुबान होती है और न ही कोई ईमान होता है। यह बात बरेली के एक नेता ने साबित कर दी है। यह नेताजी पहले तो एक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर खूब बरसते हैं और बाद में उसी की शरण में जा पहुंचते हैं। गोया तर्क यह देते हैं कि भाजपा को हराने के लिए वह उक्त नेताजी की शरण में पहुंचे हैं। हालांकि स्पष्ट रूप से वह कुछ नहीं कहते मगर उनके तर्क से यह जरूर स्पष्ट हो जाता है कि अखिलेश यादव के मंच से वाकई मुस्लिम नेता धक्के देकर नीचे उतारे जाते हैं और वाकई समाजवादी पार्टी में अब मुस्लिमों के हित सुरक्षित नहीं रह गए हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं पार्षद पति और पूर्व पार्षद हाजी इस्लाम बब्बू की।
बता दें कि कुछ समय पूर्व हाजी इस्लाम बब्बू जब कांग्रेस से कैंट विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी कर रहे थे तो उनके निशाने पर भाजपा के साथ ही समाजवादी पार्टी भी थी। उस दौरान हाजी इस्लाम बब्बू ने इंडिया टाइम 24 को एक साक्षात्कार दिया था। इस साक्षात्कार में जब उनसे पूछा पूछा गया कि सपा का दावा है कि इस बार सभी मुस्लिम सपा को ही वोट देंगे, ऐसे में आपकी दावेदारी का आधार कहां रह जाता है। इस पर जवाब देते हुए बब्बू ने कहा था कि अखिलेश यादव के मंच से मुस्लिमों को धकके देकर नीचे उतारा जाता है। समाजवादी पार्टी में मुसलमानों के हित अब सुरक्षित नहीं रह गए हैं। वहीं, एक दिन पहले ही हाजी इस्लाम बब्बू कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सपा महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी ने उसी वक्त बब्बू पर करारा प्रहार करते हुए कहा था कि अगर बब्बू को अखिलेश यादव से इतनी ही परेशानी है तो वह सपा में शामिल होने के लिए उनके चक्कर क्यों काट रहे हैं? उस वक्त बब्बू ने कहा था कि मैं सपा में शामिल नहीं होने जा रहा। बब्बू ने खुद को कांग्रेस का सच्चा सिपाही बताया था। मगर कुछ दिनों में ही बब्बू की हकीकत सबके सामने आ गई।
देखें इंटरव्यू में क्या कहा था हाजी इस्लाम बब्बू ने, पढ़ें पूरा इंटरव्यू

अब सवाल यह उठता है कि जब समाजवादी पार्टी में मुसलमानों के हित सुरक्षित नहीं हैं तो फिर बब्बू समाजवादी पार्टी में शामिल क्यों हुए? क्या सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए बब्बू इस तरह की बयानबाजी करते हैं या फिर वाकई वह ऐसा मानते हैं कि समाजवादी पार्टी में मुसलमानों के हित सुरक्षित नहीं रह गए हैं। हैरानी की बात यह है कि हाजी इस्लाम बब्बू अब कैंट विधानसभा सीट से टिकट की दावेदारी भी कर रहे हैं। अब ऐसे झूठे और दल-बदलू नेताओं को अगर समाजवादी पार्टी टिकट देती है तो वह आम जनता का भरोसा कितना जीत पाएगी इसका अंदाजा खुद ब खुद लगाया जा सकता है।
इस संबंध में जब हाजी इस्लाम बब्बू से बात की गई तो उन्होंने कहा कि वह समाजवादी पार्टी में इसलिए शामिल हुए हैं क्योंकि सपा ही एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भारतीय जनता पार्टी को हराने में सक्षम है। भाजपा ने प्रदेश का बेड़ा गर्क किया हुआ है इसलिए वह समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं। बब्बू की बयानबाजी से यह स्पष्ट है कि वह एक अवसरवादी नेता हैं जो वक्त के साथ पाला बदलने में कोई गुरेज नहीं करते। बता दें कि बब्बू वही नेता हैं जो कभी पीस पार्टी से नवाबगंज सीट से चुनाव लड़े थे। फिर समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। पिछली बार भी वह सपा से टिकट की लाइन में खड़े थे लेकिन जब यह सीट गठबंधन में कांग्रेस के खाते में चली गई तो बब्बू कांग्रेस में शामिल हो गए। कुछ दिन पहले तक वह कांग्रेस से टिकट भी मांग रहे थे। अब सपा में शामिल हो गए।
बहरहाल, हाजी इस्लाम बब्बू की समाजवादी पार्टी में एंट्री के बाद शहर में हाजी इस्लाम बब्बू के साथ ही सपा की भी फजीहत हो रही है। लोगों का कहना है कि सत्ता पाने के चक्कर में समाजवादी पार्टी ऐसे लोगों को भी गले लगा रही है जो उनके शीर्ष नेता तक को अपमानित करने से नहीं चूक रहे थे। लोगों का कहना है कि हाजी इस्लाम बब्बू की समाजवादी पार्टी में एंट्री बब्बू और समाजवादी पार्टी के दोहरे चरित्र को दर्शा रही है।