यह जिन्दगी रोज़ इक नया
पाठ सिखलाती है।।
जानलो हर रात के बाद सुबह
जरूर आनी है।
यही तो फलसफा -ए-
जिन्दगानी है।।
यह जिन्दगी है बहुत से
रंग समेटे हुये।
सामना किया चुनौती का तो
निखर जानी है।।
यह हँसाती भी है और
रुलाती भी है।
दिन में तारे यह जिन्दगी
दिखलाती भी है।।
जियो जीवन यूँ कि हर
अनुभव जज़्ब करो।
याद रखो जिन्दगी हर दिन
इक पाठ सिखलाती है।
जो समय का आदर करता
वही बनता अनमोल है।
समय से ही हल जीवन
का हर झोल है।।
हर किसी के बस काम आ
सको जीवन में।
कौन कब कहाँ मिल जाये
ये दुनिया गोल है।।
रहते भाग्य भरोसे सफलता
को वह खोते हैं।
जो देते दूसरों को दोष वह
सदा ही रोते हैं।।
अपनी तुलना मत करो कभी
किसी और से।
जो रखते सदा खुद पर विश्वास
वो ही विजेता होते हैं।।
रचयिता।।एस के कपूर श्री हंस
बरेली।।।