यूपी

रमेश विकट का निधन हिंदी साहित्य के साथ समाज की अपूर्णीय क्षति

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नीरज सिसौदिया, बरेली
कवि गोष्ठी आयोजन समिति के तत्वावधान में वरिष्ठ साहित्यकार एवं पूर्व एम.एल.सी. श्री रमेश चंद्र शर्मा ‘विकट’ के आकस्मिक निधन पर संस्था के पदाधिकारियों, कवियों एवं समाजसेवियों ने उनके साथ जुड़े संस्मरणों पर प्रकाश डालते हुए उन्हें उच्च कोटि के साहित्यकार के साथ बेहतरीन इंसान बताया।
संस्था के अध्यक्ष रणधीर प्रसाद गौड़ ‘धीर’ ने बताया कि विकट के साथ काफी अरसे तक मंचो पर काव्य पाठ किया। वास्तव में वह हिंदी साहित्य के सच्चे साधक एवं समाजसेवी थे उनका निधन साहित्य के साथ-साथ समाज की अपूर्णीय क्षति है।
संस्था के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ महेश मधुकर ने कहा कि विकट ने भारतीय जीवन के विविध पक्षों को लेकर साहित्य- रचना की उनका निधन एक युग का अवसान है।
संस्था के सचिव उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट ने विकट के निधन पर शोक श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि विकट जी एक कुशल राजनीतिक, आदर्श शिक्षक, प्रखर वक्ता एवं श्रेष्ठ साहित्यकार थे। कवि गोष्ठी आयोजन समिति के संरक्षक रहे। संस्था ने उन्हें 6 जून को ज्ञान स्वरूप कुमुद साहित्य सम्मान -2020 से अलंकृत किया था आज वे हमारे बीच नहीं हैं पर वह अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व के लिए सदैव स्मरणीय रहेंगे।
जे.सी. पालीवाल,आनंद गौतम, विनय सागर जायसवाल, रोहित राकेश, निर्भय सक्सेना, शिव शंकर यजुर्वेदी, सौरभ सक्सेना, राज नारायण गुप्ता, बीना शर्मा,राम प्रकाश सिंह ओज, राममूर्ति गौतम, सुभाष रावत ‘राहत बरेलवी’, योगेश जौहरी, रामशंकर प्रेमी, राम कुमार भारद्वाज, मनोज दीक्षित टिंकू एवं संजीव शंखधार आदि ने 2 मिनट का मौन धारण कर दिवंगत आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।

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