नीरज सिसौदिया, बरेली
विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। बरेली जिले में भारतीय जनता पार्टी ने सात सीटों पर जीत हासिल की है जबकि समाजवादी पार्टी को दो सीटों से ही संतोष करना पड़ा। वहीं, कांग्रेस उम्मीदवार कई सीटों पर एक हजार का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके। मुख्य मुकाबला समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच ही रहा। इस चुनाव ने बरेली की सियासत को एक नए मोड़ पर भी लाकर खड़ा कर दिया है। कैंट विधानसभा सीट से संजीव अग्रवाल ने जीत हासिल कर कई दिग्गजों की सियासत पर ब्रेक लगा दिया।
वहीं, डा. राघवेंद्र शर्मा एवं डा. एमपी आर्या भी विधायक बन चुके हैं। बिथरी विधानसभा सीट से डा. राघवेंद्र शर्मा की जीत ने यह साबित कर दिया है कि बिथरी विधानसभा के लोग भी अब साफ सुथरी छवि वाला विधायक चाहते हैं। बिथरी सीट अब तक बाहुबलियों के लिए जानी जाती थी लेकिन अब वहां न तमंचा चला और न ही पिस्तौल चली। बिथरी में भाजपा जीत गई। वहीं, बहेड़ी से पूर्व मंत्री अता उर रहमान और भोजीपुरा से पूर्व मंत्री शहजिल इस्लाम की जीत ने उक्त दोनों नेताओं को रियल हीरो साबित कर दिया है।
भाजपा ने जिन सात सीटों पर जीत हासिल की है उनमें बरेली कैंट से संजीव अग्रवाल, शहर से डा. अरुण कुमार, फरीदपुर से प्रो. श्याम बिहारी लाल, आंवला से धर्मपाल, मीरगंज से डीसी वर्मा, बिथरी से डा. राघवेंद्र शर्मा और नवाबगंज से डा. एमपी आर्या शामिल हैं। वहीं, बहेड़ी से सपा नेता व पूर्व मंत्री अता उर रहमान एवं भोजीपुरा से पूर्व मंत्री एवं सपा नेता शहजिल इस्लाम विजयी रहे।
हालांकि, विभिन्न सीटों पर सपा और भाजपा प्रत्याशियों के बीच कड़ा मुकाबला रहा। कैंट सीट पर संजीव अग्रवाल लगभग साढ़े आठ हजार वोटों से जीते, बहेड़ी में अता उर रहमान लगभग तीन हजार से अधिक वोटों से जीते। मीरगंज से सपा प्रत्याशी सुल्तान बेग और शहर विधानसभा सीट से सपा प्रत्याशी राजेश अग्रवाल को लगभग 30 हजार से भी अधिक वोटों से हार का सामना करना पड़ा है। बिथरी में हार-जीत का अंतर बहुत अधिक नहीं बताया जा रहा है। अन्य सीटों पर भी कमोवेश यही स्थिति बताई जा रही है। हालांकि वोटों के अंतर की अभी पुष्टि नहीं हो सकी है।