पंजाब

अवैध कॉलोनियों का गढ़ बना जालंधर, अपनी जेबें गर्म कर रहे वर्षों से जालंधर में जमे पुडा के अफसर, क्या आप सरकार ले पाएगी एक्शन?

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
अवैध कॉलोनियां काटने वाले कॉलोनाइजर्स के लिए जालंधर, होशियारपुर और कपूरथला जिले सेफ जोन बन चुके हैं। खास तौर पर जालंधर विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले इलाकों में अवैध कॉलोनियों की बाढ़ सी आई हुई है। हजारों की तादाद में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में पुडा के एसडीओ और जेई रैंक के अधिकारियों की मिलीभगत से काटी गई अवैध कॉलोनियों में अरबों रुपये का कालाधन खपाया गया है। वर्षों से जालंधर विकास प्राधिकरण में तैनात अधिकारियों की कथित मिलीभगत की वजह से इन कॉलोनियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। अब जबकि सूबे में सरकार बदल गई है, ऐसे में जनता के मन में यह सवाल उठने लगा है कि क्या इन अवैध कॉलोनियाें को विकसित करने वाले कॉलोनाइजर्स और इन कॉलोनाइजरों को संरक्षण देने वाले जालंधर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाएगी अथवा नहीं?
दरअसल, सूबे में सरकार तो बदल गई है लेकिन अफसरशाही अब भी वही है। जेडीए में आज भी वही भ्रष्ट अधिकारी तैनात हैं जो अकाली-भाजपा और कांग्रेस की सरकारों के कार्यकाल के दौरान रिश्वत लेकर अवैध कॉलोनियों के काले कारोबार को संरक्षण दे रहे थे। इनमें एसडीओ रैंक के अधिकारियों पर मिलीभगत के आरोप लगते रहे हैं। इन अधिकारियों की पहुंच चंडीगढ़ तक थी जिस वजह से ट्रांसफर के नाम पर इन्हें कभी होशियारपुर का चार्ज दे दिया जाता था तो कभी कपूरथला या जालंधर का। कुल मिलाकर इनका ठिकाना जालंधर का दफ्तर ही रहता था। इस कारण जेडीए की जद में आने वाले इलाकों में आज भी अवैध कॉलोनियों का काला कारोबार उसी तरह फल – फूल रहा है जिस तरह पहले की सरकारों में फलता-फूलता था। बुलंदपुर, सोफी पिंड, सुभाना, चहेड़ू, महेड़ू, कपूरथला, आदमपुर सहित न जाने कितने ऐसे इलाके हैं जहां आज भी यह काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से दिल्ली में सरकारी खजाने की चोरी रोकी है अगर उसी तर्ज पर पंजाब में भी शिकंजा कसा गया तो अरबों रुपये का टैक्स इन अवैध कॉलोनियों के माध्यम से सरकारी खजाने में जमा हो सकता है। मुख्यमंत्री भगवंत मान को इस दिशा में सोचना चाहिये। सरकार को इसके विकल्प के रूप में कोई ऐसी पॉलिसी लानी चाहिए जिससे इन कॉलोनियों को रेगुलर किया जा सके और अवैध कॉलोनियों के कारोबार पर पूरी तरह अंकुश लगाया जा सके। अगर ऐसा नहीं किया गया तो पंजाब सरकार के कानून सिर्फ पुडा के भ्रष्ट अधिकारियों की जेबें गर्म करने के लिए ही रह जाएंगे। जनता ने आम आदमी पार्टी को एक मौका दिया है। अगर वह भी अन्य सरकारों की तरह भ्रष्ट अधिकारियों के हाथों की कठपुतली मात्र बनकर रह गई तो पांच साल बाद उसका भी वही हाल हो सकता है जो आज कांग्रेस और अकाली दल जैसी पार्टियों का हुआ है।
बहरहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि वर्षों से जालंधर विकास प्राधिकरण में जमे कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आप सरकार कोई कार्रवाई करती है अथवा नहीं?

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