नीरज सिसौदिया, जालंधर
एक तरफ मुख्यमंत्री भगवंत मान भू-माफिया से अवैध कब्जे छुड़ाने में लगे हैं। तो वहीं उनके ही मंत्रालय के विभाग के अधिकारी भूमाफियाओं को संरक्षण देने में लगे हुए हैं। इंडिया टाइम 24 ने जब पुडा के अंतर्गत पड़ते जालंधर विकास प्राधिकरण के दायरे में आने वाले होशियारपुर के कुछ इलाकों की ग्राउंड रिपोर्ट जानी तो हालात बड़े ही हैरान करने वाले नजर आए। हमारी टीम जैसे ही आदमपुर से शामचौरासी को जाने वाले रास्ते की तरफ बढ़ी तो आदमपुर से कुछ ही दूरी पर अवैध कॉलोनी नजर आई। इसके बाद शाम चौरासी के मुख्य चौक तक लगभग आधा दर्जन से भी अधिक नई पुरानी अवैध कॉलोनियां दिखाई दीं। बड़ी हैरानी की बात है कि इतनी बड़ी तादाद में अवैध कॉलोनियां एसडीओ, जेई और अन्य अधिकारियों को क्यों नजर नहीं आतीं? इन्हें अब तक डिमॉलिश क्यों नहीं किया गया।
बहरहाल, हम थोड़ा आगे बढ़ते हैं। शाम चौरासी से गांव तलवंडी की ओर जाने पर सड़क के पहले मोड़ के किनारे ही एक और अवैध कॉलोनी नजर आती है। कॉलोनी में प्लॉटिंग हो चुकी है। ईंटों के जरिये निशानदेही भी की जा चुकी है। यह कॉलोनी लगभग तीन एकड़ में बनी है। इसके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। कॉलोनी में न ही पुडा अप्रूव्ड का बोर्ड लगा है और न ही पुडा की ओर से उक्त कॉलोनी के अवैध होने का बोर्ड लगा है। एसडीओ व जेई स्तर के अधिकारियों को यह अवैध कॉलोनी क्यों नजर नहीं आती यह भी बड़ा सवाल है। इससे थोड़ा आगे बढ़ने पर नंदाचौर से पहले एक और कॉलोनी आती है।
खेतों के किनारे काटी गई इस अवैध कॉलोनी के खिलाफ भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई यह समझ से परे है। इसके बाद हमारी टीम नंदाचौर पहुंची। यहां बम्भियाना पिंड की ओर जाने वाली रोड पर नंदाचौर से शामचौरासी की ओर बढ़ने पर सबसे पहले दाएं हाथ पर एक अवैध कॉलोनी का काम चल रहा है। इसमें मजदूर निशानदेही करने में लगे हैं। यहां आगे की ओर दुकानें और पीछे की ओर रिहायशी प्लॉट काटे जा रहे हैं। बीस-बीस फुट की रोड भी डाली जा चुकी है। यहां सोढी नाम का व्यक्ति प्लॉटों का सौदा करवा रहा है।
कॉलोनाइजर आदमपुर का रहने वाला बताया जाता है। कॉलोनाइजर का नाम हरजोत सिंह बताया जाता है। कॉलोनाइजर का खुद भी मानना है कि उसकी कॉलोनी अवैध है। वह जानता है कि पुडा डेढ़-दो एकड़ की कॉलोनी पास नहीं करता है फिर भी उसने कॉलोनी काटी है। दिलचस्प बात है कि इस कॉलोनी को भी अब तक पुडा की ओर से डिमॉलिश नहीं किया गया। यह इलाका भी एसडीओ जगबीर सिंह के कार्यक्षेत्र में ही आता है। इस कॉलोनी से थोड़ा आगे जाने पर बाएं हाथ पर एक नीला गेट लगा हुआ है। इस नीले गेट के अंदर भी अवैध कॉलोनी काटी गई है जो आदमपुर के किसी कॉलोनाइजर की बताई जाती है। यहां छोटे मरले के दस-दस मरले के प्लॉट चालीस हजार रुपये मरला के हिसाब से बेचे जा रहे हैं। इसके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इतना ही नहीं होशियारपुर में ऊना रोड पर काटी गई अवैध कॉलोनी के खिलाफ भी डिमॉलिशन की कार्रवाई नहीं की गई। कठार में होशियारपुर हाईवे के किनारे स्थित चैन सिंह नाम के कॉलोनाइजर की उस अवैध कॉलोनी के खिलाफ भी डिमॉलिशन की कार्रवाई नहीं की गई। ऐसा क्यों किया गया यह जानने के लिए जब एसडीओ जगबीर सिंह से फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। अगर वह चाहें तो मोबाइल नंबर 7528022520 पर फोन करके अपना पक्ष दे सकते हैं। हम उनका पक्ष भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे। बहरहाल, पुडा के मुख्य प्रशासक का चार्ज फिलहाल सरकार की ओर से डीसी घनश्याम थोरी को दिया गया है। अब देखना यह होगा कि क्या घनश्याम थोरी इन अवैध कॉलोनियों और इन अवैध कॉलोनियों के खिलाफ कार्रवाई न करने वाले अधिकारियों और जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करेंगे या फिर भ्रष्टाचार का यह काला खेल उसी तरह चलता रहेगा जिस तरह कांग्रेस के कार्यकाल में चलता था।