नीरज सिसौदिया, लखनऊ
किसानों की मौत पर परिजनों को राहत देने के लिए बनाई गई यूपी सरकार की कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ उन्हीं किसानों के परिजनों को मिलेगा जिनकी मौत किसी दुर्घटना के तहत होगी। अगर किसी किसान की हत्या की जाती है तो उसके परिजनों को इस योजना के तहत दी जाने वाली पांच लाख रुपये की राशि नहीं दी जाएगी। यह बात यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने विधानसभा के मॉनसून सत्र को संबोधित करते हुए कहीं।
उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि हत्या के मामलों में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत लाभ दिया जाना मान्य नहीं होगा। विधानसभा के मॉनसून सत्र के प्रश्नकाल के दौरान समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्य राकेश प्रताप सिंह के प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से खन्ना ने यह जानकारी दी। सिंह ने कहा कि गरीब किसान अपनी फसल बेचकर घर लौटता है और रास्ते में लुटेरे गोली मारकर उसकी हत्या कर देते हैं और उसकी रकम लूट लेते हैं लेकिन सरकार की तरफ से कोई अनुदान नहीं मिलता। उन्होंने प्रश्न किया कि सरकार की ओर से किसान या श्रमिक को ऐसी स्थिति में अनुदान क्यों नहीं दिया जाता। इसके पहले उन्होंने मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना के अंतर्गत प्रभावित किसान परिवारों को दी जाने वाली धनराशि का भी ब्यौरा मांगा। खन्ना ने बताया कि योजना के अंतर्गत किसान की दुर्घटनावश मृत्यु या दिव्यांगता की दशा में अधिकतम पांच लाख रुपये की धनराशि देय होगी जो राज्य सरकार द्वारा वहन की जाएगी। उन्होंने बताया कि दुर्घटना के कारण मृत्यु होने पर पांच लाख रुपये की धनराशि दी जाएगी। उनका कहना था कि दिव्यांगता की स्थिति में पूर्ण अक्षम होने पर, दोनों हाथ अथवा दोनों पैर अथवा दोनों आंखों की क्षति होने, एक हाथ तथा एक पैर की क्षति होने पर 100 प्रतिशत अक्षम माना गया है। उन्होंने राज्य आपदा मोचक निधि से प्राप्त होने वाली धनराशि का भी ब्यौरा दिया। खन्ना ने कहा कि हत्या के प्रकरणों में मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत लाभ दिया जाना मान्य नहीं होगा। उन्होंने कहा कि विशेष परिस्थितियों में मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोष से धनराशि दी जाती है।