नीरज सिसौदिया, जालंधर
अधिकारी बदल गए लेकिन नगर निगम जालंधर में भ्रष्टाचार का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पुराने निगम कमिश्नर के कार्यकाल में जहां सत्ताधारी नेताओं की अवैध इमारतें खड़ी करवाई जा रही थीं वहीं, नए निगम कमिश्नर दविंदर सिंह के कार्यकाल में सत्ताधारियों के साथ ही विपक्षी दलों के लोगों को भी अवैध बिल्डिंगें खड़ी करने की खुली छूट अघोषित तौर पर दे दी गई है। ताजा मामला प्रतापबाग के पास का है। शहर के प्रताप बाग में इंप्रूवमेंट ट्रस्ट द्वारा छोड़ी गई ओपन स्पेस की जमीन की रजिस्ट्री करवाकर वहां अवैध रूप से दुकानों का निर्माण करवाया जा रहा है। जबकि इंप्रूवमेंट ट्रस्ट की इस स्कीम में छोड़ी गई ओपन स्पेस को किसी भी तरह से रजिस्ट्री नहीं की जा सकती और न ही इस जमीन पर किसी तरह से कोई निर्माण हो सकता है। यह मामला उस समय खुला, जब इस ओपन स्पेस में एक साथ पांच दुकानें बननी शुरू हुईं।
प्रताप बाग में पाल अस्पताल के साथ भगत सिंह चौक को जाने वाली रोड पर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट में ओपन स्पेस छोड़ी थी। इसके साथ इंप्रूवमेंट ट्रस्ट ने पांच एससीओ काटे थे। एससीओ के साथ ओपन स्पेस छोड़ी गई थी। लेकिन कुछ महीने पहले इस ओपन स्पेस पर दुकानों का निर्माण शुरू हुआ। निगम अधिकारियों ने पहले इसे गिरा दिया। सत्ता परिवर्तन के बाद यहां फिर से निर्माण शुरू हुआ तो निगम ने फिर से काम रुकवा दिया। लेकिन अब फिर से धड़ल्ले से काम किया जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि दिन के उजाले में यहां खामोशी नजर आती है और रात के अंधेरे में प्लास्टर सहित अन्य काम चालू हो जाते हैं। निगम के भ्रष्ट अधिकारी अपने घरों में जाकर सो जाते हैं। ऐसा नहीं है कि निगम कमिश्नर को इसकी कोई जानकारी नहीं है। लेकिन निगम कमिश्नर को इससे कोई लेना-देना नहीं है।
इसकी सबसे बड़ी वजह यह बताई जाती है कि निगम कमिश्नर इस पद पर रहना ही नहीं चाहते हैं। बता दें कि निगम कमिश्नर एक समय फिरोजपुर जिले के डिप्टी कमिश्नर हुआ करते थे। उन्हीं के कार्यकाल में पीएम नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में चूक हुई थी। इसके बाद उन्हें पनिशमेंट के तौर पर उस पद से हटा दिया गया। अब पनिशमेंट के तौर पर ही उन्हें निगम कमिश्नर बनाया गया है। इसलिए वह भ्रष्टाचार को खुलकर समर्थन दे रहे हैं ताकि उन्हें यहां से जल्द से जल्द हटाकर कहीं और लगा दिया जाए। ऐसा उनके करीबी सूत्र बताते हैं। सूत्र यह भी बताते हैं कि जब तक उन्हें फिर से किसी जिले का डीसी या सचिव स्तर के पद पर नहीं बिठाया जाएगा तब तक वह भ्रष्टाचार को इसी तरह बढ़ावा देते रहेंगे।
बहरहाल, आप की सरकार में कांग्रेसियों की अवैध बिल्डिंगें इस बात का प्रमाण देती हैं कि भगवंत मान सरकार के अधिकारी सबका साथ, सबका विकास की अवधारणा में विश्वास रखते हैं। खास तौर पर निगम कमिश्नर की ओर से अघोषित रूप से प्रतापबाग की इन अवैध दुकानों को बनाने वालों को दीवाली ऑफर दिया जा रहा है। अगर आप भी प्रतापबाग या उसके आसपास अवैध बिल्डिंग बनाना चाहते हैं तो इस दीवाली ऑफर का लाभ जरूर उठाएं।
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