नीरज सिसौदिया, बरेली
नगर निगम चुनाव को लेकर झुमका नगरी की सियासत गर्मा चुकी है। हर वार्ड में जिताऊ उम्मीदवार तलाशे जा रहे हैं। कहीं भाजपा भारी नजर आ रही है तो कहीं विपक्षी दलों के दावेदार मजबूत स्थिति में नजर आ रहे हैं। हालांकि, विधानसभा चुनाव की तरह ही नगर निगम में भी मुख्य मुकाबला भाजपा और समाजवादी पार्टी के बीच ही है। वहीं, कुछ सीटें ऐसी हैं जहां चार-चार बार जीत हासिल कर चुके पार्षदों का दबदबा कायम है। इनमें सपा और भाजपा दोनों ही दलों के पार्षद शामिल हैं। उदाहरण स्वरूप देखें तो सपा के राजेश अग्रवाल, अब्दुल कय्यूम खां उर्फ मुन्ना जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं तो वहीं भाजपा में सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा, विकास शर्मा जैसे नेता भी हैं।
हाल ही में जो सबसे हैरान करने वाली बात सामने आ रही है वह वार्ड नंबर-23 इंदिरा नगर राजेंद्र नगर से संबंधित है। इस वार्ड से मौजूदा पार्षद सतीश चंद्र सक्सेना कातिब उर्फ मम्मा हैं। सूत्र बताते हैं कि इस वार्ड में आलम यह है कि सतीश मम्मा के खिलाफ विरोधी दलों को कोई मजबूत उम्मीदवार ही नहीं मिल पा रहा है। इस वार्ड से विरोधी दलों के किसी भी टिकट के मजबूत दावेदार ने न तो व्यापक पैमाने पर प्रचार प्रसार शुरू किया है और न ही किसी ने सार्वजनिक रूप से मजबूत दावेदारी पेश की है। इसकी सबसे बड़ी वजह सतीश चंद्र सक्सेना कातिब मम्मा का राजनीतिक कद और उनके द्वारा वार्ड में कराये गए विकास कार्यों को माना जा रहा है। दरअसल, मम्मा और उनकी पत्नी इस वार्ड से कुल मिलाकर पांच बार पार्षद रह चुके हैं। मम्मा आज तक नगर निगम का कोई चुनाव हारे ही नहीं। वह जितनी बार मैदान में उतरे, हर बार जीत ही हासिल की है। इतना ही नहीं जब राजनीतिक साजिश के चलते मम्मा निर्दलीय पार्षद का चुनाव लड़े थे तो भी जीत का सेहरा उनके ही सिर पर सजा था। मम्मा के शानदार राजनीतिक सफर और मौजूदा सियासी कद के चलते विरोधी दल का कोई भी दिग्गज नेता अपनी फजीहत नहीं कराना चाहता। हालांकि, मम्मा की गिनती मेयर पद के प्रबल दावेदारों में भी की जा रही है लेकिन मौजूदा विधायक कायस्थ समाज से होने के चलते उन्हें मेयर का टिकट मिलने में मुश्किलें आ सकती हैं। बात अगर विकास कार्यों की करें तो विकास पर जितनी राशि मम्मा के वार्ड पर खर्च की गई उतनी बरेली के किसी भी अन्य वार्ड पर नहीं खर्च की गई। बरेली की सबसे शानदार सड़कें अगर किसी वार्ड में हैं तो वह मम्मा का ही वार्ड है। हवाई चप्पलों में दिन -रात जनता के हर सुख-दुख में शामिल होने वाले मम्मा फिलहाल इस वार्ड से अजेय बन चुके हैं। यही वजह है कि कोई भी दिग्गज नेता मम्मा के खिलाफ उतरने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। बहरहाल, वार्ड – 23 इंदिरा नगर राजेंद्र नगर की सीट पर मौजूदा सियासी हालात भाजपा की एकतरफा जीत के संकेत दे रहे हैं।
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