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मेडिकल कॉलेज में बवाल, तोड़फोड़, विरोध में उतरीं नर्सें

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कोलकाता। अज्ञात बदमाशों द्वारा यहां सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के एक हिस्से में तोड़फोड़ किए जाने के कुछ घंटों बाद नर्सों ने बृहस्पतिवार को इसके विरोध में प्रदर्शन किया। इस अस्पताल में पिछले सप्ताह एक महिला चिकित्सक मृत पाई गई थी। अस्पताल में चिकित्सक के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आधी रात को यह तोड़फोड़ हुई। अस्पताल की नर्सों ने तोड़फोड़ किए जाने की घटना का विरोध किया और परिसर में उचित सुरक्षा की मांग की। प्रदर्शनकारी नर्सों में से एक ने कहा, ‘‘अस्पताल के अंदर इस तरह की गुंडागर्दी अस्वीकार्य है।” पुलिस के अनुसार, लगभग 40 लोगों का समूह प्रदर्शनकारियों के रूप में अस्पताल परिसर में घुसा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिसकर्मियों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। पुलिस ने बताया कि लाठियां, ईंटें और छड़ें लेकर आए उपद्रवियों ने उत्तर कोलकाता स्थित अस्पताल के आपातकालीन वार्ड, नर्सिंग स्टेशन, दवाघर तथा बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) के एक हिस्से में तोड़फोड़ की। उपद्रवियों ने इलाके में और उसके आसपास के कई सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिये और उस मंच पर भी तोड़फोड़ की, जहां कनिष्ठ चिकित्सक, अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के बाद नौ अगस्त की शाम से प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि इस घटना में एक पुलिस वाहन और मौके पर मौजूद कुछ दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि हिंसा में कुछ पुलिस अधिकारी घायल भी हुए हैं। अस्पताल के कर्मचारियों ने क्षतिग्रस्त आपातकालीन वार्ड को साफ किया। उपद्रवियों ने इस वार्ड में रखे महत्वपूर्ण चिकित्सा उपकरणों और फर्नीचर को नष्ट कर दिया। प्रदर्शनकारी चिकित्सकों में से एक ने कहा, ‘‘गुंडों ने परिसर में घुसकर प्रदर्शनकारी चिकित्सकों को पीटा। यह हमारा मनोबल तोड़ने का एक प्रयास था ताकि हम विरोध प्रदर्शन से पीछे हट जाएं लेकिन ऐसी घटनाओं ने अंत तक लड़ने के हमारे संकल्प को और मजबूत किया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस कर्मियों की मौजूदगी के बावजूद तोड़फोड़ की गई। अस्पताल में पुलिस चौकी में भी तोड़फोड़ की गई। इलाके का दौरा करने के बाद कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने कहा, ‘‘हम मामले की जांच कर रहे हैं।” उन्होंने दावा किया कि ‘‘मीडिया के दुर्भावनापूर्ण अभियान” ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस ने इस मामले को सुलझाने के लिए क्या नहीं किया? लेकिन मीडिया में दुर्भावनापूर्ण अभियान जारी है।” कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अस्पताल के बाहर पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मी तैनात हैं।

अस्पताल में की गई तोड़फोड़

वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने घटना को लेकर बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की। इस अस्पताल में पिछले सप्ताह एक परास्नातक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में कनिष्ठ चिकित्सक हड़ताल पर हैं। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि आरजी कर अस्पताल में बृहस्पतिवार को तड़के हुई गुंडागर्दी ने सभी हदें पार कर दीं। उन्होंने पुलिस से कहा कि वह इस घटना में शामिल हर अपराधी को एक दिन के भीतर गिरफ्तार करे, चाहे वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा हो। भाजपा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘जब पश्चिम बंगाल के शांतिपूर्ण नागरिक सड़कों पर उतरे, तो क्रूर गुंडों ने पूर्व नियोजित हमला कर आरजी कर अस्पताल में तोड़फोड़ की, जिससे वहां अफरातफरी मच गई और लोग घायल हो गए।” अस्पताल में चिकित्सक के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आधी रात को यह तोड़फोड़ हुई। भाजपा ने कहा, ‘‘इस क्रूर हमले के दौरान कोलकाता पुलिस कहां थी? वह कहीं छिपी रही और नुकसान होने के बाद ही सामने आई। यह कर्तव्य की घोर उपेक्षा है। अपनी विफलता स्वीकार करने के बजाय वे आंदोलन और मीडिया को बलि का बकरा बना रहे हैं।” अस्पताल का दौरा करने के बाद कोलकाता के पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने दावा किया कि ‘‘मीडिया के दुर्भावनापूर्ण अभियान” ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। पार्टी ने कहा, ‘‘पुलिस बल का अपने नागरिकों या अपराध स्थल की सुरक्षा नहीं कर पाना शर्मनाक है। पुलिस मंत्री और मुख्यमंत्री को तुरंत पद छोड़ देना चाहिए। उनकी अक्षमता लोगों की जान को खतरे में डाल रही है। ममता इस्तीफा दें।” मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के पास गृह और स्वास्थ्य विभाग का भी प्रभार है। भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह तोड़फोड़ पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा भेजे गए ‘‘तृणमूल के गुंडों” ने की। अधिकारी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ममता बनर्जी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास गैर-राजनीतिक विरोध रैली में तृणमूल के अपने गुंडों को भेजा है। वह सोचती हैं कि वह पूरी दुनिया में सबसे चतुर व्यक्ति हैं और लोग इस चालाक योजना को नहीं समझ पाएंगे कि प्रदर्शनकारियों के रूप में आने वाले उनके गुंडे भीड़ में शामिल होकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर बर्बरता करेंगे।” अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बदमाशों को सुरक्षित रास्ता दिया। उन्होंने पोस्ट में कहा, ‘‘पुलिस ने उन्हें सुरक्षित रास्ता दिया। पुलिस कर्मी या तो भाग गए या दूसरी तरफ देखते रहे, ताकि ये बदमाश अस्पताल परिसर में घुस जाएं और उन क्षेत्रों को नष्ट कर दें जहां अहम सबूत हैं ताकि ये सबूत सीबीआई (केंद्रीय अन्वेष्ण ब्यूरो) के हाथ न लगें।” प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और फिर उसकी हत्या की घटना को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 13 अगस्त को अपराध की जांच कोलकाता पुलिस से तत्काल सीबीआई को हस्तांतरित करने का आदेश दिया था। तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उन्होंने गोयल से बात की और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ‘‘आज की हिंसा के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जाए, उसे जवाबदेह ठहराया जाए और अगले 24 घंटों के भीतर उसे कानून के दायरे में लाया जाए, भले ही उसकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।” उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज रात आरजी कर में गुंडागर्दी और बर्बरता की सभी सीमाएं लांघ दी गईं। मैंने जन प्रतिनिधि के रूप में अभी सीपी कोलकाता से बात की।” अभिषेक बनर्जी ने कहा, ‘‘प्रदर्शनकारी चिकित्सकों की मांगें उचित और न्यायसंगत हैं। वे सरकार से कम से कम इतनी उम्मीद तो सकते हैं। उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया -कम्युनिस्ट के राज्य सचिव चंडीदास भट्टाचार्य के अनुसार, उनकी पार्टी ने अस्पताल में हुई तोड़फोड़ के विरोध में 16 अगस्त को पश्चिम बंगाल में 12 घंटे की हड़ताल का आह्वान किया है।
वहीं, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने अज्ञात बदमाशों द्वारा तोड़फोड़ किए जाने के बाद स्थिति का जायजा लेने के लिए यहां आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का बृहस्पतिवार को दौरा किया। इस अस्पताल में पिछले सप्ताह एक महिला चिकित्सक मृत पाई गई थी। अस्पताल में चिकित्सक के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आधी रात को यह तोड़फोड़ की गई। बोस ने चिकित्सा संस्थान में प्रदर्शन कर रहे कनिष्ठ चिकित्सकों से बात की। उन्होंने छात्रों से कहा, ‘‘मैं आपके साथ हूं और हम इस समस्या को सुलझाने के लिए मिलकर काम करेंगे। मैं आपको न्याय का आश्वासन देता हूं। मेरे कान और आंखें खुली हैं।”

घटनास्थल का जायजा लेते राज्यपाल सीवी आनंद बोस।

राज्यपाल ने आपातकालीन विभाग का भी निरीक्षण किया, जहां बुधवार रात तोड़फोड़ की घटना हुई थी। इससे पहले, एक अधिकारी ने बताया कोलकाता में विभिन्न सरकारी चिकित्सा प्रतिष्ठानों के कम से कम 20 चिकित्सकों के एक समूह ने बृहस्पतिवार को बोस से मुलाकात की तथा अज्ञात बदमाशों द्वारा आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक हिस्से में तोड़फोड़ की घटना के बाद उनके हस्तक्षेप की मांग की। इन चिकित्सकों में अधिकतर महिलाएं थीं। उन्होंने बोस से कहा कि वे असुरक्षित महसूस कर रही हैं। अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘राज्यपाल ने चिकित्सकों को हरसंभव सहायता देने और पश्चिम बंगाल में चल रही गुंडागर्दी को समाप्त करने के लिए मामले को उच्चतम स्तर तक ले जाने का आश्वासन दिया।” उन्होंने बताया कि बोस ने ‘अभय होम’ खोला है, जहां असुरक्षित महसूस करने वाली चिकित्सक तब तक रह सकती हैं, ‘‘जब तक कि उनमें इतना विश्वास पैदा नहीं हो जाता कि वे पश्चिम बंगाल में स्वतंत्र रूप से घूम-फिर सकती हैं।” राज्यपाल कार्यालय ने बृहस्पतिवार को सुबह एक ‘अभय पोर्टल’ भी खोला, जिसकी मदद से कोई भी ऐसा चिकित्सक या आम आदमी फोन करके सहायता मांग सकता है जो किसी परेशानी में है।
उधर, ‘इंडियन मेडिकल एसोसिएशन’ (आईएमए) ने तोड़फोड़ की घटना की निंदा की, जहां चिकित्सक एक महिला प्रशिक्षु चिकित्सक के कथित बलात्कार और हत्या के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। आईएमए ने आगे की कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए अपनी राज्य शाखाओं के साथ एक आपात बैठक बुलाई है। अज्ञात बदमाशों ने कोलकाता स्थित सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के परिसर में बृहस्पतिवार को आधी रात के बाद घुसकर उसके कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की। इसी अस्पताल में पिछले सप्ताह महिला चिकित्सक का शव मिला था। अस्पताल में चिकित्सक के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आधी रात को यह तोड़फोड़ हुई। आईएमए ने कहा कि अधिकारी ऐसे समय में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में एक बार फिर विफल रहे, जब प्रशिक्षु महिला चिकित्सक के कथित बलात्कार और हत्या के मामले की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच कर रहा है। आईएमए ने एक बयान में कहा कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज जो परास्नातक प्रशिक्षु चिकित्सक से बलात्कार और हत्या की घटना के कारण पिछले सप्ताह से देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है, वहां गुंडों ने तोड़फोड़ की। उन्होंने कहा, ‘‘जिन प्राधिकारियों ने अपनी लापरवाही से इस तरह के जघन्य अपराध को होने दिया, वे ऐसे समय में कानून-व्यवस्था बनाए रखने में एक बार फिर विफल रहे हैं, जब इस मामले में सीबीआई की अहम जांच जारी है। इस तरह की बर्बरता अराजकता और कानून- व्यवस्था के ढहने की ओर इशारा करती है। आईएमए इस मूर्खतापूर्ण हिंसा की निंदा करता है और उसे महत्वपूर्ण सबूतों के नष्ट होने की आशंका है।” पुलिस के अनुसार, लगभग 40 लोगों का समूह कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों के रूप में अस्पताल परिसर में घुसा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिसकर्मियों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। उसने बताया कि इस घटना में एक पुलिस वाहन और मौके पर मौजूद कुछ दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। एक अधिकारी ने बताया कि हिंसा में कुछ पुलिस अधिकारी घायल भी हुए हैं।

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