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राज्यसभा में पेश किए गए 48 विधेयक, पास हो गए तो बदल जाएगी देश की बड़ी व्यवस्था, जानिए कैसे?

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
राज्यसभा में शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक-एक सदस्य ने संसद के दोनों सदनों की निर्धारित संख्या में बैठकें अनिवार्य कराये जाने के लिए दो अलग अलग विधेयक पेश किए। उच्च सदन में शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज के तहत तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने संविधान (संशोधन) विधेयक 2024 (अनुच्छेद 85 का संशोधन) पेश करते हुए कहा कि संसद के दोनों सदनों की एक वर्ष में अनिवार्य रूप से 100 बैठकें करायी जानी चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 85 में राष्ट्रपति को संसद के दोनों सदनों को आहूत करने, लोकसभा को भंग करने आदि के अधिकार दिये गये हैं। डेरेक ने दो अन्य निजी विधेयक भी पेश किए। इनमें भारतीय न्याय संहिता (संशोधन) विधेयक 2024 तथा डिजिटल साक्षरता का अधिकार विधेयक 2024 भी पेश किया। राजद के मनोज कुमार झा ने संसद (उत्पादकता संवर्धन) विधेयक 2024 पेश किया। उन्होंने इस विधेयक को पेश करते हुए कहा कि संसद के दोनों सदनों की वर्ष भर में 120 बैठकें अनिवार्य तौर पर होनी चाहिए। झा ने दो अन्य निजी विधेयक भी पेश किए। इनमें अभिरक्षा में यातना का निवारण विधेयक 2024 तथा संविधान (संशोधन) विधेयक 2024 (अनुच्छेद 124 और अनुच्छेद 216 संशोधन) शामिल हैं। गैर सरकारी कामकाज के तहत आज उच्च सदन में विभिन्न दलों के सदस्यों ने करीब 48 निजी विधेयक पेश किए। तृणमूल कांग्रेस की सदस्य मौसम बी नूर ने कृत्रिम मेधा (कर्मचारियों के अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2023 पेश किया, जो कार्यस्थलों पर एआई के उपयोग और कार्यान्वयन के संबंध में कर्मचारियों के अधिकारों की रक्षा से संबंधित था। इस विधेयक में कार्यस्थलों पर एआई प्रौद्योगिकियों के कार्यान्वयन में पारदर्शिता सुनिश्चित करने और उपयोग को विनियमित करने का भी प्रावधान किया गया है। नूर ने डीपफेक रोकथाम और अपराधीकरण विधेयक भी पेश किया जो बिना सहमति के डीपफेक सामग्री के निर्माण, प्रसार और उपयोग को रोकने और अपराध बनाने पर जोर देता है। ‘डीपफेक’ कृत्रिम मेधा (एआई) के उपयोग से तैयार किया गया या मीडिया का वह अवास्तविक रूप है, जिसका उपयोग ऑडियो और विज़ुअल कंटेंट के माध्यम से लोगों को बहकाने अथवा गुमराह करने के लिये किया जा सकता है। कांग्रेस के विवेक तन्खा ने उद्यमिता अवकाश विधेयक, 2024 पेश किया, जिसमें केंद्र सरकार के कर्मचारियों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारियों और वैधानिक, स्वायत्त और संवैधानिक निकायों के कर्मचारियों की सेवा शर्तों में प्रावधान करने की मांग की गई है, ताकि वे अपने स्टार्टअप उद्यम को आगे बढ़ाने के लिए दो साल तक अवैतनिक अवकाश का लाभ उठा सकें। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सुमित्रा वाल्मिक ने राष्ट्रीय जनजातीय विरासत परिषद विधेयक, 2024 पेश किया, जो भारत में जनजातीय समुदायों की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण, संरक्षण और संवर्धन के लिए एक राष्ट्रीय जनजातीय विरासत परिषद की स्थापना पर जोर देता है। भाजपा के एक अन्य सदस्य अजीत माधवराव गोपछड़े ने केंद्र सरकार द्वारा एक निगरानी प्राधिकरण का गठन, निष्पक्ष निविदा प्रथाओं को बढ़ावा देने और गुणवत्ता आश्वासन के लिए दिशानिर्देशों का मसौदा तैयार करके सार्वजनिक कार्यों के निष्पादन में पारदर्शिता, जवाबदेही और गुणवत्ता आश्वासन सुनिश्चित करने के लिए लोक निर्माण (गुणवत्ता आश्वासन और पारदर्शिता) विधेयक, 2024 पेश किया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के वी शिवदासन ने भारत में सभी नागरिकों को मुफ्त सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल का अधिकार प्रदान करने के लिए मुफ्त सार्वजनिक स्वास्थ्य देखभाल का अधिकार विधेयक, 2024 पेश किया। आम आदमी पार्टी के विक्रमजीत सिंह साहनी ने ऑनलाइन मंचों पर अभद्र भाषा की रोकथाम और नियंत्रण, डिजिटल सद्भाव और जिम्मेदार ऑनलाइन व्यवहार को बढ़ावा देने, ऑनलाइन अभद्र भाषा से संबंधित अपराधों को परिभाषित करने और दंड का प्रावधान करने और ऑनलाइन मंच के लिए नियामक ढांचा बनाने की खातिर ऑनलाइन हेट स्पीच (रोकथाम) विधेयक, 2024 पेश किया। आम आदमी पार्टी के अशोक मित्तल एवं संजीव अरोड़ा, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) की फौजिया खान, निर्दलीय कार्तिक शर्मा, द्रमुक के पी विल्सन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संदोष कुमार पी, राजद के ए डी सिंह, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एए रहीम और जॉन ब्रिटास, भाजपा के सतनाम सिंह संधु, सुजीत कुमार एवं संजय सेठ, कांग्रेस के इमरान प्रतापगढ़ी, सैयद नसीर हुसैन एवं शक्ति सिंह गोहिल तथा तृणमूल कांग्रेस की सागरिका घोष ने अपने अपने निजी विधेयक पेश किए।

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