यूपी

17 साल तक संभाली संगठन में जिम्मेदारी, अब चुनावी मैदान में उतरने की है तैयारी, लोकसभा चुनाव में शहर विधानसभा सीट पर 142 बूथ जिताने वाले दो बार के सपा विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष हैं हसीब खान, जानिये कैसे भाजपा के जबड़े से छीन लिए 90 से ज्यादा बूथ?

Share now

नीरज सिसौदिया, बरेली
वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने मोर्चा खोल दिया है। सड़क से लेकर संसद तक जहां पार्टी सुप्रीमो अखिलेश यादव भाजपा को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे वहीं, जमीनी स्तर पर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया भी अंदरखाने शुरू कर दी गई है। इसकी बानगी बरेली महानगर में उस वक्त दिखाई दी जब महानगर की दोनों विधानसभा सीटों के प्रभारी बरेली दौरे पर आए और यहां चुनाव लड़ने के इच्छुक सपा नेताओं का मन टटोला। इस दौरान बरेली शहर और कैंट विधानसभा सीटों से कुछ चेहरे सामने आए जिन्होंने खुलकर टिकट के लिए अपनी दावेदारी जताई। इन चेहरों में एक चेहरा है हसीब खान का। हसीब खान का नाम पार्टी के लिए कोई नया नहीं है।

लोहिया वाहिनी से लेकर महानगर तक में अहम पदों पर जिम्मेदारियां निभा चुके हसीब खान पिछले करीब 17 वर्षों से पार्टी की सेवा कर रहे हैं। वह समाजवादी पार्टी के शहर विधानसभा सीट से एकमात्र ऐसे युवा दावेदार हैं जो लगातार दो बार से विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। अपने दो कार्यकाल के दौरान हसीब खान ने पार्टी को विधानसभा क्षेत्र में इतना मजबूत कर दिया है कि जिस शहर विधानसभा सीट पर समाजवादी पार्टी लोकसभा चुनाव में 60-70 बूथों से अधिक पर कभी नहीं जीत पाई थी उसी शहर विधानसभा सीट पर वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में सपा ने 142 बूथों पर जीत हासिल की और एक बूथ पर उसे भाजपा के बराबर वोट मिले। यह आंकड़ा निर्वाचन आयोग की आधिकारिक वेबसाइट खुद भी बयां कर रही है।
हसीब खान पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले वर्ष 2021 में शहर विधानसभा क्षेत्र के अध्यक्ष बनाए गए थे। उस चुनाव में भी हसीब खान ने जी-तोड़ मेहनत की थी। उस चुनाव में सपा प्रत्याशी रहे राजेश अग्रवाल भी हसीब खान की मेहनत की तारीफ करते नहीं थकते। वह कहते हैं कि पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं की तरह ही हसीब खान ने भी अपनी जिम्मेदारी बहुत अच्छी तरह निभाई थी।


बता दें कि उस चुनाव में भी सपा का प्रदर्शन पहले से बेहतर रहा था। हसीब खान कहते हैं, ‘2022 के विधानसभा चुनाव में मुझे ज्यादा समय नहीं मिल पाया था। फिर भी मैंने जी-तोड़ मेहनत की और अब तक का सबसे बेस्ट परिणाम दिया था। लोकसभा चुनाव से पहले मुझे काफी समय मिला तो मैंने संगठन को बूथ स्तर तक मजबूत बनाने का काम किया जिसका नतीजा सामने है। हमने 142 बूथों पर जीत हासिल की और एक बूथ पर भाजपा के बराबर वोट हासिल किए।’


बता दें कि जिस शहर विधानसभा सीट से लोकसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी को कम से कम तीस से चालीस हजार वोटों से हार का सामना करना पड़ता था उस सीट से इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सिर्फ 18 हजार वोटों से शिकस्त मिली। हसीब खान कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद से हमने संगठन को और मजबूत करने का काम किया है जिसके चलते आगामी विधानसभा चुनाव में हम यह सीट जीतकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जी की झोली में डाल देंगे।
निश्चित तौर पर हसीब खान ने बतौर विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष खुद को साबित कर दिखाया है। सीधे और सरल स्वभाव वाले हसीब खान एक निर्विवाद छवि वाले ऐसे मुस्लिम दावेदार हैं जिसकी तलाश समाजवादी पार्टी को निश्चित रूप से होगी।
17 साल तक संगठन की सेवा करने के बाद हसीब खान ने चुनावी पारी खेलने का मन बनाया है। फिलहाल शहर विधानसभा सीट के दावेदारों की सूची पर नजर डालें तो उनके जैसा सक्रिय, निर्विवाद और साफ सुथरी छवि वाला नेता जिसने एक-एक बूथ को अपने हाथों से सींचा है, और कोई नजर नहीं आता। हां पूर्व प्रत्याशी सुप्रिया ऐरन जरूर एक बड़ा नाम हैं जिस पर पार्टी गंभीरता से विचार कर सकती है।


बहरहाल, विधानसभा चुनाव के लिए हसीब खान की दावेदारी ने दूसरे दावेदारों के होश उड़ा दिए हैं। जिस तरह से पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस बार अपनी नीति में बदलाव करते हुए संगठन में अहम भूमिका निभाने वाले नेताओं को विधानसभा प्रभारी बनाया है उसे देखकर तो यही लगता है कि इस बार टिकट वितरण में भी संगठन के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले नेताओं को प्राथमिकता दी जाएगी। हाल ही में बरेली दौरे पर आए शहर विधानसभा सीट के प्रभारी निर्मोज यादव ने भी यही ऐलान किया था कि जिसका बूथ सबसे मजबूत होगा टिकट भी उसी को मिलेगा। ऐसे में दो बार के विधानसभा क्षेत्र अध्यक्ष ने तो लोकसभा चुनाव में यह साबित कर दिखाया है कि सपा के सारे दावेदारों में उनका बूथ सबसे मजबूत है क्योंकि कुछ दावेदार तो ऐसे हैं जो अपना वार्ड तो क्या अपना बूथ तक नहीं जिता सके थे।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *