नीरज सिसौदिया, बरेली
बेरोजगारों को आत्मनिर्भर और बच्चों की शिक्षा में मददगार बनने वाली समाज सेवी संस्था ‘एक प्रयास’ ने एक नई पहल की है जिसे पूरे जिले में सराहना मिल रही है. जी हां, कोरोना काल में जहां सारी दुनिया संक्रमितों से दूरी बना रही है वहीं ‘एक प्रयास’ की टीम ने संक्रमितों और उनके परिवार को भोजन उपलब्ध कराने का जिम्मा उठाया है. सराहनीय बात यह है कि संस्था द्वारा खुद जरूरतमंदों के घर तक भोजन पहुंचाया जा रहा है.
संस्था की सचिव प्रीति सिंह ने बताया कि कोरोना महामारी से पूरा देश जूझ रहा है. कई कोरोना संक्रमित और उनके परिवारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि हमारे एक जानकार भी कोरोना संक्रमित हो गए हैं. वह अस्पताल में भर्ती हैं और उनके परिजन होम क्वारंटाइन हैं. लगभग एक सप्ताह पूर्व उनका फोन हमारे पास आया और उन्होंने हमसे भोजन की व्यवस्था कराने को कहा. हमने उनकी हेल्प की. फिर सोचा कि ऐसे तो बहुत से लोग होंगे जिन्हें इस तरह की परेशानी होगी. ऐसे लोगों के लिए कुछ करना चाहिए. ऐसे में संस्था के अध्यक्ष डा. आरके सिंह, वाइस प्रेसीडेंट कैप्टन अनिल सिंह, ज्वाइंट सेक्रेटरी डा. अनुजा सिंह, कोषाध्यक्ष अर्चना सिंह और अन्य पदाधिकारियों ने मिलकर कोरोना संक्रमितों और उनके परिवारों की मदद का फैसला लिया.
प्रीति ने बताया कि जो संक्रमित होम क्वारंटाइन किए गए हैं अगर वे बाहर निकलेंगे तो कोरोना का प्रसार होगा. वे जितने अधिक लोगों के संपर्क में आएंगे उतनी ही संक्रमितों की संख्या बढ़ती जाएगी. अगर वे घर से बाहर नहीं निकलेंगे तो खाना कैसे खाएंगे. चूंकि भोजन बनाने के लिए कई छोटे बड़े सामान की जरूरत पड़ती है जिसके लिए बाहर जाना जरूरी हो जाता है. इसलिए हमने फैसला किया कि संस्था की ओर से ऐसे लोगों को उनके घर पर ही बना-बनाया भोजन मुहैया कराया जाएगा ताकि उन्हें किसी भी सूरत में बाहर नहीं जाना पड़े. इसलिए संस्था की ओर से मेरा मोबाइल नंबर 7351993474 दिया गया है. साथ ही एक अपील के साथ वॉट्सग्रुपों में और फेसबुक सहित समस्त सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर वायरल कर दिया जिससे हम ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंच सकें.
उन्होंने बताया कि पूरा भोजन संस्था की ज्वाइंट सेक्रेटरी और शहर की जानी-मानी गायनकोलॉजिस्ट डा. अनुजा सिंह के अस्पताल की कैंटीन में बनाया जाता है. इसमें दाल, हरी सब्जी, रोटी, चावल और अचार दिया जाता है. हमने बाहर से कुछ लोग हायर किए हैं जो घर-घर तक भोजन पहुंचाते हैं. इससे उन लोगों को रोजगार भी मिला है.
प्रीति बताती हैं, ‘वैसे तो भोजन का मूल्य 70 रुपये प्रति थाली निर्धारित की गई है लेकिन यह राशि सिर्फ सक्षम लोगों के लिए है. गरीबों से इसका कोई पैसा नहीं लिया जाता है. लेकिन यह भोजन उन्हीं गरीब परिवारों को नि:शुल्क दिया जा रहा है जिनके परिवार में कोई संक्रमित हुआ है. सभी गरीबों के लिए यह सुविधा नहीं है.’
संस्था की ओर से तीन दिन पहले ही यह सुविधा शुरू की गई है. इसका कैसा रिस्पांस मिल रहा है, पूछने पर डा. प्रीति बताती हैं, ‘हमारे प्रयास को लोगों ने काफी सराहा है. पूरा दिन फोन आते रहते हैं. बरेली ही नहीं दूसरे शहरों से भी फोन आ रहे हैं लेकिन अभी हम दूसरे शहरों तक भोजन पहुंचाने में असमर्थ हैं. दर्जनों जरूरतमंदों तक हम भोजन पहुंचा चुके हैं. प्रशासन की गाइडलाइन की वजह से हमने इसका एक समय निर्धारित किया हुआ है. किसी भी जरूरतमंद को भोजन के लिए पहले फोन पर बुकिंग करानी होती है. इसके लिए मोबाइल नंबर 7351993474 पर सुबह दस बजे तक दोपहर के भोजन के लिए और दोपहर तीन बजे तक रात के भोजन के लिए बुकिंग करानी होगी. इसके लिए अनिवार्य रूप से कोई शुल्क नहीं लिया जाता. अगर आप शुल्क देने में असमर्थ हैं तो संस्था नि:शुल्क भोजन उपलब्ध कराती है.’
सरकार की ओर से शनिवार और रविवार को लॉकडाउन घोषित किया गया है. इस दौरान क्या यह सेवा जारी रहेगी? पूछने पर प्रीति कहती हैं, ‘भोजन बनाने की कोई दिक्कत नहीं है पर पहुंचाने में कोई परेशानी न हो इसके लिए जिला अधिकारी नितीश कुमार से बात कर निवेदन किया जाएगा कि वह हमें कुछ पास इश्यू कराएं जिससे हम लॉकडाउन में भी जरूरतमंदों तक भोजन पहुंचा सकें.’
बहरहाल, संकट की घड़ी में एक प्रयास का यह प्रयास बेहद सराहनीय है. अन्य समाजसेवी संस्थाओं को भी इनसे प्रेरणा लेकर मदद के लिए आगे आने की आवश्यकता है.