नीरज सिसौदिया, बरेली
कैंट विधानसभा सीट की सियासत में भूचाल लाने वाले ऐरन दंपति ने चुनावी महाभारत की रणनीति तेज कर दी है। मंगलवार को नेहरू युवा केंद्र स्थित चुनाव कार्यालय पर विधानसभा क्षेत्र के सेक्टर प्रभारियों और पार्षदों की एक बैठक बुलाई गई जिसमें सभी ने एक सुर में समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी सुप्रिया ऐरन को जिताने का संकल्प लिया।
सपा के महानगर महासचिव गौरव सक्सेना ने बताया कि पार्टी की ओर से हर विधानसभा क्षेत्र को 40 सेक्टरों में बांटा गया है। हर सेक्टर का एक-एक प्रभारी नियुक्त किया गया है। इन पर अपने-अपने सेक्टरों में चुनाव प्रचार के साथ ही पार्टी प्रत्याशी को जितने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। कैंट विधानसभा सीट की प्रत्याशी सुप्रिया ऐरन की ओर से सभी सेक्टर प्रभारियों, स्थानीय पार्षदों की एक बैठक बुलाई गई जिसमें महानगर के सभी प्रकोष्ठों के कैंट विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले पदाधिकारी, महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी व महानगर टीम के पदाधिकारी और कैंट सीट से टिकट के आवेदकों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। प्रत्याशी के पति एवं पूर्व सांसद प्रवीण सिंह ऐरन ने सभी के साथ मिलकर चुनावी रणनीति पर चर्चा की। बैठक में पार्टी की एकजुटता भी देखने को मिली। इस बैठक ने उन अटकलों पर भी विराम लगाने का काम किया जिनमें यह कहा जा रहा था कि टिकट न मिलने के कारण कुछ आवेदकों के समर्थक नाराज हैं। महानगर अध्यक्ष शमीम खां सुल्तानी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी पूरी तरह से एकजुट है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुप्रिया ऐरन पर भरोसा जताया है इसलिए पूरा संगठन सुप्रिया ऐरन को मिलकर चुनाव लड़ाएगा। निश्चित तौर पर इस बार सुप्रिया ऐरन भारी मतों से विजयी होंगी और अखिलेश यादव प्रदेश के मुख्यमंत्री बनेंगे।
टिकट के दावेदार इंजीनियर अनीस अहमद खां ने बताया कि उनकी टीमें पिछले छह माह से जनता के बीच जाकर पार्टी के लिए काम कर रही हैं। अब पार्टी ने सुप्रिया ऐरन कोबनाया है तो हम सब मिलकर उन्हें जिताने का काम करेंगे। हमारी तैयारी पूरी है और निश्चित तौर पर जीत समाजवादी पार्टी की ही होगी।
इसी तरह टिकट के आवेदक डा. शाहजेब हसन, गौरव सक्सेना, आरिफ कुरैशी, पार्षद यामीन रजा खां, पार्षद मेराज अंसारी, पार्षद अकील गुड्डू, जफर अल्वी सहित अन्य लोग भी बैठक में शामिल हुए।
बता दें कि सुप्रिया ऐरन के सपा प्रत्याशी बनने के बाद से भाजपा के खेमे में खलबली मची हुई है। इसके बाद से ही नए समीकरण बनते नजर आ रहे हैं। अभी तक टिकट से वंचित आवेदकों पर विरोधी दल डोरे डालने में लगे हुए थे लेकिन ऐरन की सियासी सूझबूझ और पार्टी नेताओं के संगठन के प्रति समर्पण के आगे कांग्रेस एवं बसपा को मुंह की खानी पड़ी है। फिलहाल, भाजपा और सपा में कांटे की टक्कर नजर आ रही है।