विचार

अंहकार जीवन में एक मादक सर्प समान है

अहंकार का नशा बहुत मतवाला होता है। मनुष्य नहीं स्वयं का ही रखवाला होता है।। एक दिन आसमां से जमीं पर जरूर है गिरता। अहम क्रोध केवल बुद्धि का दिवाला होता है।। वो कहलाता सभ्य सुशील जो सरल होता है। वो कहलाता विनम्र शालीन जो तरल होता है।। इसी में है बुद्धिमानी कि व्यक्ति सहज […]

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कोरोना से जंग, इस इम्तिहान में जीत कर आना है…

अंधेरा है रात है जंग है पर हमको लड़नी है। इस महामारी पर जीत हमें हासिल करनी है।। हिफाज़त से निकल कर आना दौर से बाहर। जिंदगी सबकी सलामत भी हमको रखनी है।। आँधी है तूफान है और समय भी खराब है। यही तो इस कुदरत का इम्तिहान नायाब है।। हम जख्म को नासूर नहीं […]

विचार

लोग दिल में भी दिमाग लिये घूमते हैं…

लोग दिल में भी दिमाग लिये घूमते हैं क्या कहें उजाले में चिराग लिये घूमते हैं दर्द होता नहीं है सीने में दर्द देख कर जुबान पर भी अपने आग लिये घूमते हैं मोहब्बत की तिजारत का करते कारोबार दिल दिमाग में तो द्वेष राग लिये घूमते हैं जहर बुझा सा हो गया अब यह […]

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हमेशा जीने की उम्मीद जिंदा रखना…

हमेशा जीने की उम्मीद जिंदा रखना सबके लिए दिल में दीद जिंदा रखना वक़्त बहुत नाजुक जगह नहीं नफ़रत की हमेशा महोब्बत की खरीद जिंदा रखना हर हालात में हमें जीत कर ही आना है इस बात की भी तसदीक जिंदा रखना कभी आँख के आँसू सूखने नहीं देना सबका दर्द दिल के नज़दीक जिंदा […]

देश

शब्द से ही मनुष्य की पहचान होती है

हर शब्द कुछ बोलता कुछ सहता है। हर शब्द में कोई भाव छिपा रहता है।। हर शब्द मानो कोई सजीव जीव हो। हर शब्द कोई इक़ कहानी कहता है।। शब्द से ही लगाव और विश्वास होता है। हर शब्द अलग और ही खास होता है।। शब्द की महिमा का संसार अपरम्पार। शब्द से ही पूजा […]

देश

भारत महान लिखूं या विश्व में बढ़ता हिंदुस्तान लिखूं

हिन्द देश का गौरव गान लिखूँ। या ये अतुल्य भारत महान लिखूँ।। अनुपम उदाहरण है मेरा यह देश। कितनी इसकी आन शान लिखूँ।। योग मुद्रा ज्ञान ध्यान लिखूँ। अनगिनत भाषा परिधान लिखूँ।। विविधता में एकता मंत्र देश का। सोने की चिड़िया हिंदुस्तान लिखूँ।। गीता रामायण तुलसी रसखान लिखूँ। विश्व गुरु भारत की पहचान लिखूँ।। लिखूँ […]

देश

वही जीतता पूजा जिसने कर्म की करी होती है…

झूठ कुछ समय का बस एक छलावा है। फिर हो जाता झूठ का मुँह काला है।। सच की हार होगी यह है एक भुलावा बस। विधि विधान कि झूठ के मुंह लगता ताला है।। शमशान का हिसाब बड़ा ही नेक है। यहाँ अमीर गरीब का बिस्तर एक है।। जुबान खराब होना अहम की पहली निशानी। […]

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नेता का यही गुण है…

*।।रचना शीर्षक।।* कभी शोला कभी शबनम नेता का यही गुण है। सुबह प्रसाद रात में रम नेता का यही गुण है।। कथनी करनी के अंतर का उदाहरण है नेता। पैसे की बरसात झमाझम नेता का यही गुण है।। कभी नरम और कभी गरम नेता का यही गुण है। कब क्यों कैसे आँखें नम नेता का […]

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तराशने के बाद ही हीरे से मुलाकात होती है

मत आंकों किसी को कम कि सबमें कुछ बात होती है। भीतर छिपी प्रतिभा की अनमोल सौगात होती है।। जरूरत उसे पहचानने और फिर निखारने की। तराशने के बाद ही हीरे से मुलाकात होती है।। हर किसी में कुछ बेहतर हो ही सकता है। भीतर हमारे भी कमतर कुछ हो सकता है।। यह सोच कर […]

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आँसू कोई मामूली चीज़ नहीं, कोई अनकही दास्तान हों जैसे

आँसू तो मानो जैसे अनकहा बयान हैं। खुशी गम का मानो तो जमीं आसमान हैं।। आँसू मोती हैं लफ्ज़ हैं और हैं दर्द भी। बहते मानो पीछे लिये जैसे दास्तान हैं।। आँसू वो शब्द हैं जिन्हें कागज़ कलम मिल न सका। यह वो सैलाब जो दिल के भीतर सिल न सका।। दर्द और खुशी का […]