जालंधर : शहर की वेरका मिल्क प्लांट के पास स्थित होटल डब्ल्यूजे ग्रैंड के लिए नगर निगम ने सारे नियमों और कानूनों को तोड़ डाला. यह दावा आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र पाल सिंह चड्ढा ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर किया है।
रविंद्र पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने उक्त होटल की बिल्डिंग निर्माण संबंधी जानकारी नगर निगम से सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी थी। विगत 4 अप्रैल को नगर निगम की ओर से जो सूचना दी गई वह काफी हैरान करने वाली थी। उन्होंने बताया कि निगम की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि इस होटल की 3 प्लान अलग अलग नाम से म्युनिसिपल टाउन प्लानिंग ब्रांच ने पास किए हैं। रविंद्र पाल ने दावा किया है कि किसी भी नक्शे के मुताबिक होटल का निर्माण नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि 4 प्लॉटों को नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से जोड़कर अवैध बिल्डिंग तैयार की गई। जिसने अवैध रूप से यह होटल खड़ा कर दिया गया। सूचना के अधिकार के तहत दी गई जानकारी में नगर निगम इस बिल्डिंग का राजीनामा होने की बात भी कही है। चड्ढा ने कहा कि यह नियम विरुद्ध है इस बिल्डिंग का राजीनामा हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि इस होटल को पूरी तरह से अवैध रूप से तैयार किया गया है अतः इसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने नगर निगम के तत्कालीन असिस्टेंट टाउन प्लानर बांके बिहारी और बिल्डिंग इंस्पेक्टर अरुण खन्ना पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप भी लगाए हैं।
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