उत्तराखंड

कृष्ण-सुदामा की मित्रता के प्रसंगों से किया मंत्रमुग्ध

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दीपक शर्मा, लोहाघाट 

बाराकोट मस्टा मन्दिर में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा में आज सातवें दिवस में वाचक व्यास जी ख़िलानंद पाण्डेय जी ने व्यास पीठ से श्रीकृष्ण और सुदामा की मित्रता के प्रसंगों का विस्तार पूर्वक सुन्दर वर्णन किया उन के द्वारा कहा गया कि मनुष्य को सच्चा मित्र भी कई जन्मों के सत्कर्मों के बाद प्राप्त होता है ।

ब्यास जी के द्वारा कहा गया कि श्रीकृष्ण का सुदामा के प्रति अपार प्रेम से समाज में अमीरी और गरीबी का भेदभाव से दूर रहने ,तथा विपत्ति में गरीव मित्र की हर सम्भव मदद करने की शिक्षा देता है। साथ ही उनके द्वारा कहा गया कि आज के व्यस्त दिनचर्य्या में आत्मीय शांति का एक मात्र मार्ग श्रीमद्भागवत की कथाओं को स्रवण करना ही है। जो भक्त भगवत कथा का स्रवण करता है उसके जीवन में कभी भी किसी प्रकार के संकट नहीं आते हैं। मुख्य आयोजक श्री आन सिंह अधिकारी एवं ललिता अधिकारी जी ने कल दिनांक 27 अप्रैल 18 को पुर्णाहुति के बाद आयोजित भंडारे में प्रसाद ग्रहण करने हेतु सादर आमंत्रित किया है। अतः आप सब से निवेदन है कि देव प्रसाद ग्रहण करने हेतु अवश्य 1 बजे तक मस्टा मंदिर पहुंचे। आयोजन में भवान सिंह अधिकारी, प्रकाश सिंह अधिकारी, जोत सिंह अधिकारी, नगेन्द्र कुमार जोशी, खीम सिंह अधिकारी, लोकमान सिंह अधिकारी, उमेश्वर सिंह अधिकारी, शेर सिंह अधिकारी, भूपाल सिंह अधिकारी, शिवराज सिंह अधिकारी, भगवान दास जोशी, नमन जोशी, नन्दाबल्लभ जोशी, आदि सहयोग कर रहे हैं। आन सिंह अधिकारी एवं ललिता अधिकारी के द्वारा समस्त भक्त जनों से प्रतिदिन अधिक से अधिक संख्या में प्रतिभाग करने का आवाह्न किया गया है।

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