हरियाणा

किसानों ने किया सरकारी आदेशों को दरकिनार, गेहूं के अवशेष जलाने का सिलसिला बदस्तूर जारी

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कुरुक्षेत्र (ओहरी)

सरकारी आदेशों को दरकिनार करते हुए किसानों द्वारा गेहूं को अवशेष जलाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। पिछले दिनों इस बारे एसडीएम पूजा चांवरिया द्वारा भी अपील की गई थी कि कोई भी किसान गेहूं को अवशेष ना जलाए, क्योंकि इससे वातावरण प्रदूषित होता ही है इसके अलावा खेतों की उपजाउ क्षमता भी नष्ट होती है। लेकिन किसानों ने इस बार भी उपायुक्त कुरूक्षेत्र व एसडीएम पिहोवा के आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए गेहूं को अवशेषों को जलाना बंद नहीं किया। हालांकि अब की बार किसान दिन की बजाए अधिकतर रात्रि के समय गेहूं को अवशेषों को जला रहे हैं। काबिलेगौर है कि 7 व 8 मई के लिए अलर्ट घोषित है कि आंधी तुफान के साथ साथ भारी बारिश की आशंका जताई जा रही है । बीते सोमवार रात्रि के समय आंधी के साथ साथ बारिश भी आई। अलर्ट होने के बावजूद हल्का के गांव धनीरामपुरा से लेकर सैंसा तक व गांव सैंसा से आगे बीबीपूर झील की ओर कई जगहों पर किसानों द्वारा अवशेषों को आग लगाकर जलाया जा रहा था और रात्रि के समय अवशेषों में लगी आग दूर दूर तक दिखाई दे रही थी। अलर्ट के कारण आम लोग अवशेषों में लगी आग के कारण काफी घबराये हुए थे कि यदि मौसम विभाग के अनुसार भारी आंधी आती है तो उसके कारण अवशेषों में लगी आग भयंकर विकराल रूप धारण कर सकती है, जिससे भारी जानमाल का नुकसान हो सकता है। नाम ना बताने की शर्त पर ग्रामीणों ने बताया कि धनीरामपुरा से लेकर सैंसा गांव तक कई एकड़ में किसानों द्वारा लगाई आग दिखाई दे रही थी। किसानों द्वारा सरकारी आदेशों की उड़ाई जा रही धज्जियों से जाहिर होता है कि उन्हे सरकारी आदेश मात्र सरकार के फायदे के लिए लग रहे हैं, जबकि उन्हे अहसास होना चाहिए कि यदि अवशेषों की आग अचानक आई तेज हवा के कारण भडक़ जाती है तो उसकी आंच उन्ही किसानों के घरों तक भी पहुंच सकती है जिन्होने अवशेषों को जलाया है। देखना ये है कि सरकारी आदेश मात्र कागजी कार्यवाही है या फिर अधिकारी इसके लिए गंभीर भी हैं और अवशेषों को आग लगाने वाले किसानों के खिलाफ क्या कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

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