शांतिनिकेतन| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर का नाता गुजरात गुजरात से भी रहा है| उन्होंने कहा कि गुरुदेव के बड़े भाई और सिविल सेवा ज्वाइन करने वाले पहले भारतीय सत्येंद्र नाथ टैगोर काफी समय अहमदाबाद में भी रहे थे| संभवता उस वक्त वह अहमदाबाद के कमिश्नर हुआ करते थे| मैंने कहीं पढ़ा था और किसी ने मुझे बताया था कि पढ़ाई के लिए इंग्लैंड जाने से पहले #सत्येंद्र नाथ टैगोर ने अपने छोटे भाई रविंद्र नाथ टैगोर को 6 महीने तक अहमदाबाद में रखकर अंग्रेजी साहित्य का अध्ययन कराया था| उस वक्त गुरुदेव की उम्र सिर्फ 17 साल थी| इतना ही नहीं गुरुदेव ने अपने प्रसिद्ध नॉवेल #सुदतपाषाण के महत्वपूर्ण हिस्से और कुछ कविताएं भी अहमदाबाद में ही लिखी थीं| प्रधानमंत्री शुक्रवार को शांति निकेतन में #विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे|
उन्होंने कहा कि मैं जब मंच की तरफ आ रहा था, तो ये सोच रहा था कि कभी इसी भूमि पर गुरुदेव के कदम पड़े होंगे। यहां कहीं आसपास बैठकर उन्होंने शब्दों को कागज पर उतारा होगा, कभी कोई धुन, कोई संगीत गुनगुनाया होगा, कभी महात्मा गांधी से लंबी चर्चा की होगी, कभी किसी छात्र को जीवन का मतलब समझाया होगा|
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आपका नाता एक ऐसी गुरु शिष्य परंपरा से है जो जितनी पुरातन है उतनी ही आधुनिक भी है| प्राचीन काल में जहां इसे ऋषि-मुनियों ने अपने परिश्रम से शीशा वही आधुनिक काल में इसे गुरु रवींद्रनाथ टैगोर जैसे मनीषियों ने संवारा|
उन्होंने आगे कहा कि सारा विश्व एक घर है, यह वेदों की सीख है जिसे गुरुदेव ने विश्व भारती का ध्येय वाक्य बनाया वह चाहते थे कि यह जगह एक ऐसा घोसला बने जिसे सारा विश्व अपना घर बनाए इस वेद मंत्र में भारत की समृद्ध परंपरा का सार छुपा हुआ है| शांतिनिकेतन आकर मैं गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं मैं यहां एक आचार्य की तरह आया हूं मेहमान की तरह नहीं|
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