पंजाब

मान गए गुरु… पर मगरमच्छों को क्यों छोड़ दिया?

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने जालंधर में गुरुवार को जो किया वह काबिले तारीफ है| देर से ही सही सिद्धू सही रास्ते पर तो आए| सिद्धू की अगर यही रफ्तार रही तो नगर निगम का खाली खजाना चंद घंटों में भर सकता है| सिद्धू के दौरे पर कांग्रेसी नेताओं को भी नहीं बख्शा जाना काबिलेगौर है| पार्षद गुल्लू की अवैध बिल्डिंग का निर्माण एक बार फिर रुकवा दिया गया| न्यू देओल नगर में जिस अवैध कॉलोनी को बचाने के लिए कांग्रेस नेता मेजर सिंह ने एड़ी चोटी का जोर लगा दिया था और नगर निगम की टीम को वहां से बैरंग लौटना पड़ा था, उस अवैध कॉलोनी को भी नवजोत सिंह सिद्धू ने नहीं बख्शा| साफ तौर पर सिद्धू ने कड़ा संदेश देने की कोशिश की है कि कांग्रेस नेता हो या फिर आम आदमी कानून सबके लिए बराबर है| सिद्धू ने सीनियर टाउन प्लानर, म्यूनिसिपल टाउन प्लानर और बिल्डिंग इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर के अन्य भ्रष्ट अधिकारियों को भी कड़ा संदेश देने की कोशिश की है|

सिद्धू ने कार्रवाई तो की लेकिन कालिया कालोनी, गुरु अमर दास नगर, वीनस वैली, सलेमपुर रोड जैसे इलाकों में बनी अवैध कॉलोनियों, अवैध दुकानों एवं बिल्डिंगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की| सूत्रों की मानें तो इस इलाके में अवैध बिल्डिंगों और अवैध कॉलोनियों के कारोबार के पीछे एक कांग्रेस विधायक का संरक्षण है जिसके चलते नगर निगम ने इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया| अब देखना यह होगा कि सिद्धू इस विधायक के आगे नतमस्तक हो जाते हैं या फिर इन इलाकों की भी अवैध कॉलोनियों और अवैध इमारतों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करते हैं| सूत्र यह भी बताते हैं कि इस इलाके में अवैध बिल्डिंगों का और अवैध मकान बनाकर बेचने का काम एक बहुत बड़े कॉलोनाइजर भूपेंद्र सिंह भिंदा के इशारों पर किया जा रहा है|

पंजाब कांग्रेस आरटीआई सेल के सीनियर वाइस चेयरमैन संजय सहगल कहते हैं कि सिद्धू ने बहुत ही सराहनीय कदम उठाया है| यह कदम उन्हें काफी पहले ही उठा लेना चाहिए था लेकिन एक सोचनीय तथ्य यह भी है कि नवजोत सिंह सिद्धू ने नगर निगम कमिश्नर बसंत गर्ग को क्यों छोड़ दिया? क्या इन अवैध निर्माणों के लिए बसंत गर्ग जिम्मेदार नहीं? खासकर तब जबकि सस्पेंड किए गए अधिकारियों ने खुद नवजोत सिंह सिद्धू के सामने यह स्वीकार किया है कि उन्होंने बसंत गर्ग के कहने पर ही उक्त बिल्डिंगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की| ऐसे में बसंत गर्ग को सस्पेंड कर उनके खिलाफ उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए थी और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ FIR भी दर्ज करवाई जानी चाहिए| संजय सहगल कहते हैं कि जब आला अधिकारी ही बेईमान हो तो नीचे के नुमाइंदे कैसे ईमानदार हो सकते हैं| संजय सहगल ने कहा कि हमारी सरकार ने गुड गवर्नेंस और पारदर्शी व्यवस्था बनाने का वादा किया था जिसे सिद्धू पूरा करने में लगे हैं| लेकिन जब तक इन अधिकारियों को बर्खास्त नहीं किया जाएगा तब तक सिस्टम नहीं सुधरने वाला| उन्होंने आरोप लगाया कि नगर निगम कमिश्नर बसंत गर्ग नगर निगम का रेवेन्यू बढ़ाने की बजाय अपना रेवेन्यू बढ़ाते रहें हैं|

संजय सहगल, वाइस चेयरमैन, आरटीआई सेल, पंजाब कांग्रेस

उन्होंने मांग की है कि बसंत गर्ग की आईटीआर चेक की जाए और यह भी जांच की जाए कि उनकी संपत्ति कितनी बढ़ी है नगर निगम ज्वाइन करने के बाद| उन्होंने कहा कि मैं सिद्धू की इस कार्रवाई को एप्रिशिएट करता हूं जिसने नगर निगम के भ्रष्ट अधिकारियों को बंद एसी दफ्तरों से बाहर निकलने पर मजबूर किया है|
संजय सहगल ने नवजोत सिंह सिद्धू से मुलाकात कर उन्हें अवैध बिल्डिंगों की एक लिस्ट भी सौंपी है जिनके खिलाफ अभी तक कोई भी कार्यवाही नहीं की गई है| इन बिल्डिंगों में अमृतसर जीटी रोड पर स्थित होटल डब्ल्यू जे ग्रैंड, नकोदर चौक पर स्थित ऑक्सफोर्ड हॉस्पिटल, टांडा रोड पर रेलवे क्रासिंग के पास बनी 5 मंजिला इमारत, थिंद आई हॉस्पिटल मॉडल टाउन, फुटबॉल चौक स्थित अमन हॉस्पिटल, गुरु नानक मिशन चौक पर स्थित एल्टिस हॉस्पिटल, नकोदर रोड पर स्थित न्यू ऑर्थोनोवा हॉस्पिटल, आदर्श नगर स्थित गांधी हॉस्पिटल, माई हीरा गेट स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा के ऑपोजिट बनी इमारत, झंडियां वाला पीर के ऑपोजिट बनी रेजिडेंशियल इमारत जिसे कमर्शियल कर दिया गया है, एपीजे स्कूल के ऑपोजिट बनी RPF बिल्डिंग और जिमखाना क्लब की नई बिल्डिंग जो बिना अनुमति के बना दी गई है, शामिल हैं| यह बड़े मगरमच्छ हैं जिनके खिलाफ अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है| सूत्रों की माने तो होटल wJ Grand एक पूर्व भाजपा विधायक की शह पर बनाया गया|

बसंत गर्ग, नगर निगम कमिश्नर

वहीं आरटीआई एक्टिविस्ट रविंद्र पाल सिंह चड्ढा ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने आर्डिनेंस डिपो के पास बनी अवैध इमारतों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की| दिलचस्प बात तो यह है कि आर्डिनेंस डिपो के पास प्रतिबंधित क्षेत्र में पेट्रोल पंप तक बना दिया गया है इसके बावजूद नवजोत सिंह सिद्धू ने इन बड़े मगरमच्छों को छोड़ दिया है|

मेयर जगदीश राजा के मुंह पर खुला तमाचा जड़ गए सिद्धू

मेयर जगदीश राज राजा

स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू जालंधर आकर जिस तरह गति से कार्रवाई करके चले गए वह मेयर जगदीश राज राजा के मुंह पर एक करारा तमाचा साबित हुआ है| सोचनीय तथ्य यह है कि अगर नवजोत सिंह सिद्धू को चंडीगढ़ में बैठे-बैठे अवैध इमारतों की इतनी सूचना थी, उन्हें अवैध कॉलोनियों के बारे में पता था, तो फिर मेयर जगदीश राज राजा को क्यों पता नहीं चला? अगर राजा सबकुछ जानते थे तो फिर कार्रवाई क्यों नहीं की गई? अभी भी कांग्रेस पार्षद राजा की ओर से अर्जुन नगर में काटी गई अवैध कॉलोनी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई| अगर राजा सब कुछ जानते हैं तो फिर राजा ने कार्रवाई क्यों नहीं की यह सवाल मेयर राजा के मुंह पर किसी तमाचे से कम नहीं| इससे स्पष्ट है कि नगर निगम के इस भ्रष्टाचार में कहीं ना कहीं राजा भी जिम्मेदार हैं| इस मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को ना सिर्फ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ बल्कि मेयर जगदीश राज राजा के खिलाफ भी जांच बैठानी चाहिए और अगर राजा दोषी पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए|

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