झारखण्ड

नीरज की विरासत संभालते ही झरिया पहुंचे अभिषेक सिंह, बलराम सिंह का मिला साथ

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बबलू सिंह, झरिया
कोयला नगरी धनबाद की सियासत एक बार फिर नए मोड़ पर आ खड़ी है| पूर्व डिप्टी मेयर स्वर्गीय नीरज सिंह के छोटे भाई अभिषेक सिंह सियासत के सफर पर आगे बढ़ चुके हैं| बड़े भाई की विरासत संभालते ही अभिषेक सिंह ने झरिया का रूख किया और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बलराम सिंह उर्फ मास्टर साहब का आशीर्वाद लेने जा पहुंचे|
यह वही बलराम सिंह है जो कभी सूर्यदेव सिंह के खास हुआ करते थे| वर्षों पहले जब सूर्यदेव सिंह पहली बार चुनाव लड़ रहे थे तो इन्हीं बलराम सिंह और उनके बड़े भाई राजनंदन सिंह समेत पूरे परिवार ने उनका साथ दिया और जीत का ताज सूर्यदेव सिंह के सिर पर सच किया| सूर्यदेव सिंह की मौत के बाद उनके भाइयों के साथ ही बलराम सिंह ने पूरा सहयोग किया| धनबाद की राजनीति में बलराम सिंह का वजूद बहुत पुराना है| उनकी बेदाग छवि के कारण ही पक्ष और विपक्ष दोनों के ही नेता उनका सम्मान करते हैं. हालांकि, वह खुद कभी चुनावी मैदान में नहीं उतरे लेकिन मैदान में उतरने वाला हर सिपाही उनसे सबक जरूर लेता था|


वर्तमान में झरिया की राजनीति नए मोड़ पर आ खड़ी है| युवा नेता अभिषेक किस्मत आजमा रहे हैं| मृदुभाषी और सरल स्वभाव के अभिषेक सिंह को सभी लोग पसंद करते हैं| साक्षी अब बलराम सिंह ने भी अभिषेक सिंह को समर्थन देने का ऐलान कर दिया है| झरिया और धनबाद में बलराम सिंह के परिजनों का काफी दबदबा है| आधा झरिया तो उनके परिजनों और रिश्तेदारों से ही पटा हुआ है| यही वजह है कि सियासतदानों के लिए यह परिवार बड़ा वोट बैंक रहा है| अभिषेक सिंह को न सिर्फ बलराम सिंह का साथ मिला है बल्कि उनके परिवार के निमेष सिंह, सनी सिंह, शुभम सिंह, सौरभ सिंह, शैलेश सिंह, रामजी सिंह, सुधांशु सिंह, प्रथम सिंह समेत अन्य लोगों का भी समर्थन मिला है|

साथ ही नीरज सिंह की मौत के बाद सहानुभूति की एक लहर भी अभिषेक सिंह के पक्ष में है| पिछले दिनों झरिया में दौरा करने के दौरान अभिषेक सिंह ने विधायकों और सांसदों पर जमकर निशाना साधा था| बलराम सिंह ने भी झरिया की बदहाली से उन्हें रूबरू कराया| अभिषेक सिंह जमीन से जुड़े नेता है इसलिए वह जमीनी समस्याओं को उठाने में लगे हुए हैं|

यहां बता दें कि वर्तमान भाजपा सांसद पशुपतिनाथ सिंह भी बलराम सिंह के रिश्तेदार हैं लेकिन बात जब शहर विकास की हो रही थी तो बलराम सिंह और उनके परिजनों ने परिवारवाद से ऊपर उठकर अभिषेक सिंह के प्रयासों को सराहा| झरिया की राजनीति में अब तक सूर्यदेव सिंह और उनके पुत्रों का ही वर्चस्व रहा है लेकिन वक्त के साथ यह भी बिखरने लगा है| अपनी साफ-सुथरी छवि के कारण अभिषेक सिंह लोगों के दिलों में जगह बनाते जा रहे हैं| ऐसे में अगर आगामी लोकसभा चुनाव में धनबाद लोकसभा सीट से कांग्रेस अभिषेक सिंह को मैदान में उतारती है तो निश्चित तौर पर भाजपा का किला ढह सकता है|

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