नीरज सिसौदिया, जालंधर
वरियाणा रोड पर गुरु अमरदास नगर में कॉलोनाइजरों मैं प्रतिबंधित क्षेत्र में अवैध कालोनी काट दी है और अब वहां प्रॉपर्टी डीलर का बोर्ड लगाकर प्लॉट बेचे जा रहे हैं|
बता दें कि वरियाणा डंप के पास 500 मीटर के दायरे में कोई भी कालोनी कानूनी तौर पर नहीं काटी जा सकती| इसके बावजूद यहां पर न सिर्फ कॉलोनी काटी गई है बल्कि सस्ते प्लॉटों का लालच देकर लोगों को यहां पर प्लॉट बेचे जा रहे हैं| यह कॉलोनी लगभग 2 से तीन एकड़ के दायरे में काटी गई है| ना तो इसमें सीरीज की सुविधा है और ना ही नियमानुसार सड़कें बनाई गई हैं| नगर निगम से प्लॉटों के लिए भी कोई एनओसी नहीं ली गई है| पार्क के लिए भी इस कॉलोनी में कोई जगह नहीं छोड़ी गई है|
कॉलोनी के एंट्री गेट पर ही एमके प्रॉपर्टी एडवाइजर का बोर्ड लगा हुआ है| उस पर सोम भगत और मोहित नाम के दो लोगों का मोबाइल नंबर लिखा हुआ है|
इस संबंध में जब सोमदत्त भरत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि यह कॉलोनी 1988 की बनी हुई है| हैरानी की बात तो यह है कि इतने सालों में यहां कई बिल्डिंग स्पेक्टर आए और गए लेकिन किसी की नजर इस अवैध कॉलोनी पर क्यों नहीं पड़ी| अपने फायदे के लिए यह कॉलोनाइजर नगर निगम के कुछ अधिकारियों से कथित तौर पर मिलीभगत करके इस पूरे खेल को अंजाम दे रहे हैं| अपने फायदे के लिए यह लोग आम जनता को प्लॉटों के साथ कैंसर भी बेच रहे हैं|
जहां पर यह कॉलोनी है उसके साथ ही वरियाणा के कूड़े के पहाड़ नजर आते हैं| शहर का सारा कचरा यहीं जमा होता है| ऐसे में इसके आसपास रहना तो दूर सांस लेना भी मुश्किल है| यही वजह है कि बूढ़े के इन पहाड़ों के 500 मीटर के दायरे में नगर निगम कालोनी की परमिशन नहीं देता है| अब इस कॉलोनी में जो लोग प्लॉट खरीदेंगे अगर कभी वह मकान बनाएं, फिर रहने आए तो उन्हें कैंसर जैसी घातक बीमारियों की सौगात खुद ब खुद मिल जाएगी| फेफड़े के रोग दमा और अस्थमा जैसी बीमारियां भी ब्याज में मिलेंगी|
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नगर निगम के अधिकारी इस पर ध्यान नहीं दे रहे| सस्ते प्लॉट की चक्कर में लोग इनके झांसे में आ रहे हैं| गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों की इसी मजबूरी का फायदा यह कॉलोनाइजर और प्रॉपर्टी डीलर उठा रहे हैं| कॉलोनी में प्लॉट खरीदना मौत को दावत देना जैसा है| फिर भी इन के काले कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए नगर निगम कमिश्नर की ओर से कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है|