नीरज सिसौदिया, जालंधर
कांग्रेस के नए जिला प्रधान का इंतजार बस खत्म होने वाला है| पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से जालंधर की शहरी और देहाती जिला प्रधान के नाम पर मुहर लगा दी गई है| फिलहाल नाम उजागर नहीं किए गए हैं लेकिन दोनों ही नाम चौंकाने वाले हो सकते हैं|
जानकारी के मुताबिक, शहरी जिला प्रधान के लिए मनोज अरोड़ा, बलदेव सिंह देव और बलराज ठाकुर के बीच मुकाबला था| सूत्र बताते हैं कि जालंधर के विधायक राजेंद्र बेरी, बावा हैनरी और परगट सिंह ने मनोज अरोड़ा का खुलकर विरोध किया है| हालांकि, मनोज अरोड़ा को ऊपरी स्तर पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का साथ ही मिला है| माना जा रहा है कि मनोज अरोड़ा इस रेस से बाहर हो गए हैं| हालांकि, इसकी पुष्टि अभी किसी ने नहीं की है|
वहीं, बलराज ठाकुर के नाम पर दो विधायक सहमत नहीं हैं| उन्होंने ठाकुर का भी विरोध किया है जबकि सूत्र बताते हैं कि वेस्ट के विधायक सुशील रिंकू ने उनका समर्थन किया है| रिंकू कैप्टन की करीबी हैं और नया जिला प्रधान चुनने में कैप्टन अमरिंदर सिंह एवं प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ का ही मुख्य रोल रहा है| वहीं, यह भी बताते हैं कि विधायक परगट सिंह, बावा हैनरी और राजेंद्र बेरी ने पूर्व पार्षद बलदेव सिंह देव का नाम आगे बढ़ाया है|
ऐसे में माना जा रहा है कि नया शहरी जिला प्रधान बलदेव सिंह देव और बलराज ठाकुर में से ही चुना गया है| पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की मुहर लग चुकी है बस इसकी सार्वजनिक तौर पर घोषणा होनी बाकी है| जिस तरह से रिंकू के विरोध के कारण कैप्टन अमरिंदर सिंह ने स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के फैसले पर रोक लगा दी थी उस लिहाज से तो यह मुमकिन है कि रिंकू ने जिस का समर्थन किया है उसे ही जिलाध्यक्ष का पद मिलेगा|
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अब देखना यह है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और सुनील जाखड़ ने तीन विधायकों की सिफारिश को तवज्जो दी है या फिर रिंकू सब पर भारी पड़ेंगे| सूत्र बताते हैं कि एक-दो दिन के भीतर ही नये जिला प्रधान का ऐलान हो जाना है|
वही बात अगर जांगिड़ जिला प्रधान की करें तो यहां पर भी तीन प्रमुख दावेदार मैदान में हैं| इनमें पहले नंबर पर जगमीत बराड़, दूसरे पर नवजोत दहिया और तीसरे नंबर पर सुखविंदर सिंह सुक्खा लाली का नाम सामने आया है| बरार और कैप्टन की नजदीकियां किसी से छुपी नहीं हैं लेकिन पेंच यहां पर फंस रहा है कि बराड़ को विधानसभा चुनाव में टिकट दी गई थी जिस कारण जिला प्रधान की कुर्सी उनके पाले में जाती नजर नहीं आ रही| वहीं, लाली को कैबिनेट मंत्री रंधावा का पूरा समर्थन प्राप्त है| लाली को जिला प्रधान बनाने के लिए रंधावा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है| ऐसे में लाली की दावेदारी ज्यादा मजबूत नजर आ रही है| कुछ ऐसा ही हाल नवजोत दहिया का भी है| दहिया को भी एक कैबिनेट मंत्री का समर्थन है| अब देखना यह है कि 2 कैबिनेट मंत्रियों की लड़ाई में कौन बाजी मारता है या फिर कैप्टन के करीबी जगमीत बराड़ को देहाती जिला प्रधान की कुर्सी से नवाजा जाता है| बहरहाल, फैसला हो चुका है बस घोषणा का इंतजार है| एक-दो दिन के भीतर पिटारा खुल जाएगा और यह इंतजार भी खत्म हो जाएगा|