झारखण्ड

साउथ अफ्रीका में कंपनी से विवाद पर रेप के झूठे केस में फंसाकर भिजवा दिया था जेल

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
दक्षिण अफ्रीका के मलावी जेल में 19 अप्रैल 2018 से बंद बोकारो जिला के चतरोचट्टी के सिधाबरा निवासी दिनेश्वर महतो और हजारीबाग जिला के गोरहर निवासी गिरधारी महतो को रिहा कर दिया गया। उन्हें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की पहल के बाद रिहा करते हुए भारत भेजा गया। इस मामले में बोकारो थर्मल के जिप सदस्य भरत यादव व उनके पुत्र विशाल कुमार की पहल पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के निर्देशानुसार दक्षिण अफ्रिका में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने त्वरित हस्तक्षेप करते हुए 26 जून को दोनो बंदियों की रिहाई कराकर वापस भारत भेजवाया। वापसी के बाद दोनों अपने अपने परिजनों के साथ बोकारो थर्मल आकर जिप सदस्य भरत यादव और विशाल कुमार को सहयोग के लिये आभार प्रकट किया।

https://youtu.be/mUg6gkzSh-k

रेप के झूठे मामले में गिरफ्तार उक्त दोनों व्यक्ति के परिजन उनकी रिहाई मेें सहयोग के लिए अपने स्तर से तमाम प्रयास कर निराश होने के बाद बोडैया बस्ती निवासी घनश्याम महतो के साथ भरत यादव से मिल कर आपबीती सुनाई थी। उनके परिजनों के अनुसार उक्त दोनांे व्यक्ति कल्पतरू पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड, मुंबई के माध्यम से ट्रांसमिशन लाइन का काम करने मलावी, दक्षिण अफ्रीका गये थे। लेकिन स्थानीय एक व्यक्ति से कुछ विवाद के कारण उन्हें बलात्कार जैसे गंभीर व झूठे मामले में फंसा देने के बाद स्थानीय पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
13 जून को जिप सदस्य भरत यादव के संज्ञान में आते ही उनके पुत्र विशाल कुमार ने लगातार ट्वीट कर पूरे मामले की विस्तृत जानकारी विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को देते हुए उक्त दोनों बंदियों की रिहाई कराने में मदद करने की गुहार लगाई। इसके आलोक मंे सुषमा स्वराज ने मामले को दक्षिण अफ्रीका में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को अग्रसरित करते हुए त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया और कारवाई से विशाल कुमार को अवगत कराया। भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों का ई मेल पता और टेलिफोन नंबर दिया। विदेश मंत्री के निर्देशानुसार भारतीय उच्चायोग के अधिकारी अपने वकील और कल्पतरू कंपनी के अधिकारियों के साथ मलावी शहर के जेल मे जाकर दोनों बंदियों से मिले और त्वरित गति से कानूनी कारवाई करते हुए उनकी रिहाई कराकर उन्हें वापस मुंबई भेजवाया। इस दौरान विशाल कुमार टेलिफोन, ट्वीटर और ईमेल के माध्यम से विदेश मंत्री और दक्षिण अफ्रीका में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों के लागातार संपर्क मे रहे और विदेश मंत्रालय एवं भारतीय उच्चायोग के अधिकारी भी प्रगति की जानकारी समय समय पर विशाल कुमार को देते रहें तथा विशाल कुमार अद्यतन जानकारी उक्त दोनो बंदियों के परिजनों को देते रहे। तब जाकर दोनों बंदी दिनेश्वर महतो और गिरधारी महतो का रिहाई अल्प समय में संभव हो सका और उनके परिजनों ने राहत की सांस ली। उपरोक्त आलोक में त्वरित कार्रवाई के लिए भरत यादव और विशाल कुमार ने ईमेल के माध्यम से सुषमा स्वराज और दक्षिण अफ्रीका में भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों को साधुवाद देते हुए उक्त दोनों बंदियों का बकाया तीन माह के वेतन आदि का भुगतान कराने का आग्रह किया है, जिसके आलोक में उच्चायोग के अधिकारियों ने सकारात्मक कारवाई का भरोसा दिया है।

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