झारखण्ड

झारखंड की संस्कृति है झूमर, बचाना झारखंडियों की जिम्मेवारी

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
नावाडीह प्रखंड के उग्रवाद प्रभावित ऊपरघाट स्थित हरलाडीह में दुर्गा पुजा के अवसर पर गहदम झुमर नृत्य का आयोजन गया। झूमर नृत्य का उदघाटन मुख्य सांसद प्रतिनिधि तारकेश्वर महतो, मुखिया प्रतिनिधि बली रजक, पंसस मेघनाथ तुरी, पूजा कमेटि के संरक्षक देवनारायण महतो, उमेश प्रसाद महतो ने
संयुक्त रूप से किया। झुमर नृत्य
में नावाडीह प्रखंड के विभिन्न गांवों के टोली शामिल हुए। झुमर गीत की बोल व ढोल-मांदर की ताल पर ग्रामीण रातभर झुमते रहें। सर्वधम, जात-पात व स्वच्छता पर एक से बढ़कर एक झुमर गीत प्रस्तुत किया गया।

इसके अलावे बेटी बचाओ-बेटी पढाव, तिलक-दहेज व अत्याचार की प्रस्तुति पर उपस्थित ग्रामीणों खुब सराहा। लुप्त हो रही झूमर नृत्य में छात्राओं ने एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी। जिससे देखकर आज के युवा पीढ़ी झुम उठे। अतिथियों ने कहा कि झारखंड की संस्कृति झूमर है। इसे बचाए रखना हमारी कर्तव्य है। झुमर हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। इसके लिए क्षेत्र में झुमर व का आयोजन एक अंतराल में होना चाहिए। हरलाडीह के ग्रामीण व पूजा कमेटि इसके लिए धन्यवाद के पात्र है, जो कि पिछड़ा क्षेत्र होने के बावजूद यहां पर भव्य झुमर नृत्य का आयोजन किया गया। इस दौरान झुमर टीमों के द्वारा शिव-पार्वती, राम-लक्ष्मण व दुर्गा मां की आर्कषक झांकी निकाली गयी। इसके बाद आरती वंदना की गयी। बच्चियों के द्वारा भी झुमर नृत्य प्रस्तुत किया गया। बच्चियों की प्रस्तुति से सबका मन मोह लिया। विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मुख्य रूप से पूजा कमेटि के दिलीप कुमार महतो, दिलचंद महतो, हरेंद्र प्रसाद महतो, जितेंद्र रविदास, मुकेश कुमार, संजय गिरी, मल्लू महतो, महेंद्र महतो, राजेश गिरी, महेश महतो, गुलाबचंद महतो, भीम महतो, निर्मल महतो, कोबिया देवी सहित सैकड़ों ग्रामीण महिला-पुरूष उपस्थित थे।

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