एजाज अंसारी, मधुबनी
मिथिला पेंटिंग का गढ़ माना जाने वाला मधुबनी का जितवारपुर गांव सूबे का पहला इंटरनेशन क्राफ्ट विलेज बनेगा। इस पर करीब पौने 10 करोड़ रुपये खर्च होंगे। केन्द्रीय टीम ने गांव का दौरा कर डीपीआर बना लिया है। डीपीआर वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार को भेजी जा चुकी है। अब बस केवल वहां से योजना पर मुहर लगनी बाकी है।
जितवारपुर में अब देश-विदेश के सैलानी पहुंचकर क्राफ्ट खरीद और उसके बारे में जानकारी ले सकेंगे। गांव में सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएंगी। यहां गेस्ट हाउस, कैफेटेरिया कम फूड कोर्ट, वेलनेस सेंटर, टॉयलेट कॉम्प्लेक्स आदि पर करीब 1 करोड़ 56 लाख खर्च करने की योजना है। म्यूजियम पर करीब 15 लाख व लाइब्रेरी पर 13 लाख खर्च होंगे। गांव में करीब 200 ओपेन एयर ऑडिटोरियम बनेंगे। सभी तालाब व मंदिर को रेनोवेट करने पर करीब 17 लाख 20 हजार रुपये खर्च होंगे। सभी घरों की दीवारों पर वाटर पू्रफ पेंटिंग की जाएगी। गांव की बाहरी और अंदर की सड़कें बनेंगी। पानी, बिजली व अन्य बुनियादी सुविधाएं बहाल की जाएंगी। पूरे गांव में परंपरागत और फलदार पौधे लगाए जाएंगे। चिल्ड्रेन पार्क विकसित किये जाएंगे। क्राफ्ट विलेज को दर्शाने के लिए बाइपास रोड, सभी मोड़, गांव के प्रवेश द्वार, सभी यूनिट में प्रवेश करने की जगह सहित तमाम कॉमन फैसिलिटी वाले जगहों पर साइनेज लगेगा। इस पर करीब 10 लाख खर्च करने की योजना है। गांव में तमाम सुविधाओं से लैस ट्रेनिंग सेंटर भी बनेगा, जहां कलाकारों को नई डिजाइन की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके डेवलपमेंट पर करीब 50 लाख खर्च किए जाएंगे।
कहते हैं जिलाधिकारी
जितवारपुर को इंटरनेशन क्राफ्ट विलेज के तौर पर विकसित किया जाएगा। फाइनल डीपीआर बनाकर मंत्रालय को भेजा गया है। इस पर करीब 9 करोड़ 66 लाख रुपये केन्द्र सरकार से मिलेंगे। अगस्त तक डीपीआर पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है। मुहर लगते ही टेंडर के माध्यम से कार्य शुरू किया जाएगा।
सौंदर्यीकरण का रखा जाएगा पूरा ख्याल
गांव के सौंदर्यीकरण का पूरा ख्याल रखा जाएगा। गांव में बाहरी पानी की सप्लाई की सुविधा होगी। सिवरेज सिस्टम बनेगा। इसमें बाढ़ के पानी को कंट्रोल करने की सुविधा होगी। चप्पे-चप्पे पर विद्युतीकरण की सुविधा होगी। अलग से ट्रांसफार्मर लगाया जाएगा। गांव सामने के भाग में दोनों साइड पाथ वे बनेगा। बीच के भाग में कम ऊंचाई की दीवारें बनाई जाएंगी।
तीन-तीन पद्मश्री ले चुकें हैं शिल्पी:
जितवारपुर देश का पहला ऐसा गांव है, जहां के तीन कलाकार को पद्मश्री से नवाजा जा चुका है। करीब 20 से अधिक लोगों को नेशनल अवार्ड और दर्जनों लोगों को स्टेट अवार्ड मिल चुके हैं। गांव में करीब 600 से अधिक कलाकार हैं। गांव के सभी लोगों में यह कला रची-बसी है।
कहते हैं जिलाधिकारी
जितवारपुर को इंटरनेशन क्राफ्ट विलेज के तौर पर विकसित किया जाएगा। फाइनल डीपीआर बनाकर मंत्रालय को भेजा गया है। इस पर करीब 9 करोड़ 66 लाख रुपये केन्द्र सरकार से मिलेंगे। अगस्त तक डीपीआर पर अंतिम मुहर लगने की संभावना है। मुहर लगते ही टेंडर के माध्यम से कार्य शुरू किया जाएगा।