झारखण्ड

डीवीसी में स्थायी अध्यक्ष की नियुक्ति का साक्षात्कार स्थगित, सांसद के आरोपों पर मंत्री ने दिये जांच के आदेश

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रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
पब्लिक सेक्टर के उपक्रम डीवीसी के स्थायी अध्यक्ष के लिए दिल्ली में 9 अगस्त को होने वाला साक्षात्कार अगले आदेश तक के लिए प्रधानमंत्री के निर्देश पर केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार आरके सिंह ने स्थगित कर दिया है।पब्लिक इंटर प्राइजेज सेलेक्शन बोर्ड पीईएसबी के द्वारा डीवीसी अध्यक्ष के लिए साक्षात्कार को स्थगित करने के बाद केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार आरके सिंह ने मामले में जांच के आदेश दिये हैं।

केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री ने जांच के आदेश ऑल इंडिया पावर फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पदमजीत सिंह के 8 अगस्त को लिखे पत्र एवं लोकसभा के सांसद सह सदस्य ऊर्जा परामर्श समिति सुशील सिंह के द्वारा अध्यक्ष पद के चयन के लिए तय मापदंडों में अनियमितता बरतने के लगाये गये आरोपों पर दिये हैं। एआईपीएफ के अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री को लिखे पत्र में दर्शाया है कि डीवीसी अध्यक्ष पद के लिए साक्षात्कार के पूर्व निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कुछ जरूरी मामलों की जांच की जाने की जरुरत है। उन्होंने लिखा है कि डीवीसी में अध्यक्ष पद के लिए आरपी त्रिपाठी का नाम भेजा गया है जबकि डीवीसी के वर्तमान सदस्य तकनीकी आरपी त्रिपाठी एनटीपीसी से प्रतिनियुक्ति पर लगभग चार वर्ष पूर्व आये हैं।

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एनपीटीसी में आरपी त्रिपाठी को एजीएम से जीएम में पदोन्नति के लिए उपयुक्त नहीं पाया गया था। इस कारण डीवीसी के सदस्य तकनीकी के पद के लिए भी उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए। उन्होंने लिखा है कि लोकसभा सांसद और सदस्य पावर परामर्श समिति सुशील कुमार सिंह ने आरपी त्रिपाठी के खिलाफ विगत् 2 अपै्रल 2018 को आठ आरोपों की एक सूची प्रधानमंत्री एवं केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री को देते हुए आरपी त्रिपाठी को उनके मूल विभाग एनटीपीसी में वापस भेजने की मांग की थी जहां उनका रैंक एजीएम का है। पत्र में अध्यक्ष ने लिखा है कि एनटीपीसी के उक्त एजीएम रैंक के अधिकारी के लिए विभाग से हटाये गये एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी के द्वारा की गयी लॉबी के मामले के भी जांच की मांग की है।
मापदंडों का उल्लंघन-पत्र में अध्यक्ष ने लिखा कि डीवीसी अध्यक्ष के साक्षात्कार के लिए न्यूनतम योग्यता ईडी स्तर के अधिकारी की थी। एनटीपीसी में जीएम,ईडी और निदेशक स्तर के अधिकारी पर विचार नहीं किया गया तो फिर एजीएम रैंक के अधिकारी को कैसे बुलाया गया जो कि जांच का विषय है।
सेवानिवृत हो रहे हैं चयन समिति के अध्यक्ष-डीवीसी अध्यक्ष के लिए चयन समिति के अध्यक्ष अंशुमन दास 17 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे हैं तो सेवानिवृत्ति से पहले अंतिम दिनों में इस तरह के विवाद से बचा जाना चाहिए था। आरपी त्रिपाठी को अध्यक्ष के साक्षात्कार हेतु बुलावा पत्र में नीचे अंकित किया गया है कि साक्षात्कार के एक घंटा पहले उन्हें पीईएसबी अध्यक्ष के कार्यालय में रिपोर्ट करेगा और वहां से क्लियरेंस के बाद साक्षात्कार के लिए परमीशन दिया जाएगा।बुलावा पत्र में अंकित उक्त तथ्य अपने आप में काफी कुछ कहता है।

अध्यक्ष ने लिखा है कि इस मामले को सीवीसी,सीबीआई और भारत सरकार के अधिकारियों को भी मामले से अवगत करवाया गया है और जरुरत पड़ी तो अदालत में भी मामला ले जाया जाएगा।
सदस्य तकनीकी के कार्यकाल में डीवीसी की स्थिति बेहद खराब-डीवीसी में एनटीपीसी के एजीएम आरपी त्रिपाठी को सदस्य तकनीकी बनाये जाने के बाद डीवीसी की स्थिति आर्थिक रुप से बेहद खराब रही।डीवीसी के आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि डीवीसी में साढे तीन वर्ष के कार्यकाल के दौरान डीवीसी का पीएलएफ 47 से 50 फीसदी ही रहा जबकि उक्त काल में डीवीसी को वर्तमान की तरह कोयला संकट का सामना भी करना नहीं पड़ा था। उक्त कार्यकाल में प्रति वर्ष 12 फीसदी की दर से पावर प्लांट ब्रेक डाउन रहे जिसके परिणामस्वरूप डीवीसी को 600 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था।अपने कार्यकाल में उनके संवेदकों से बेहद करीबी संबंध भी जांच का विषय है जिसके फोटोग्राफ भी मंत्रालय को जांच के लिए भेजे गये हैं।
तीन माह से बिना अध्यक्ष के है डीवीसी-पब्लिक सेक्टर का संस्थान डीवीसी विगत तीन माह से बिना अध्यक्ष के ही चल रहा है। फरवरी में तीन माह के लिए डीवीसी के सदस्य सचिव पीके मुखोपाध्याय को अध्यक्ष का प्रभार दिया गया था। अपै्ल में दुबारा प्रभार के लिए होने वाले विस्तार के क्रम में मंत्रालय से विजलेंश क्लियरेंश मिलने में विलंब के कारण मामला लंबित है और डीवीसी बिना अध्यक्ष के ही है।
पूर्व सासंद ने भी जांच की मांग की-हजारीबाग के पूर्व सांसद तथा भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने भी 9 अगस्त को पूरे मामले के जांच की मांग केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार आरके सिंह से की है।
फोटो-एक दौरा में संवेदक के साथ डीवीसी के तकनीकी सदस्य।

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