राजस्थान

सोजत विधानसभा सीट : 15 साल पहले हुई थी रिजर्व, तब से नहीं जीती कांग्रेस,इस बार फिर बदला उम्मीदवार

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नीरज सिसौदिया, नई दिल्ली
राजस्थान का सियासी महासंग्राम कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा और भविष्य का सवाल बन गया है| वर्ष 2013 में करारी शिकस्त झेलने वाली कांग्रेस इस बार कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं है| राजस्थान की 200 सीटों के लिए चुनावी दंगल आखिरी पड़ाव पर पहुंचने से पहले मंथन के दौर से गुजर रहा है| एक एक सीट पर बारीकी से मंथन कर प्रत्याशी उतारे जा रहे हैं| हारे हुए पुराने चेहरों पर कांग्रेस दांव खेलने को तैयार नहीं और नए चेहरों में भी सर्वश्रेष्ठ तलाशा जा रहा है| ऐसी ही उठा पटक पाली जिले के सोजत विधानसभा सीट में देखने को मिल रही है| यहां कांग्रेस के साथ भाजपा में भी टिकट को लेकर भारी मंथन चल रहा है|
दरअसल यह विधानसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी| वर्ष 2003 में इस सीट को अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित कर दिया गया| उससे पहले यहां पर सामान्य वर्ग से ताल्लुक रखने वाला उम्मीदवार ही खड़ा होता था| उस वक्त कांग्रेस के दीवान माधवसिंह यहां से 5 बार विधायक रहे थे। मगर सीट के आरक्षित होते ही कांग्रेस के इस किले को भाजपा ने भेज दिया| तीन बार से लगातार यहां पर भारतीय जनता पार्टी का उम्मीदवार ही जीत दर्ज कराता आ रहा है| इसमें भी दो बार भाजपा की संजना आगरी ही विधायक पति आ रही है| वर्ष 2008 में संजना आगरी के मुकाबले कांग्रेस ने रतन पंवार को उतारा था लेकिन आगरी ने उन्हें लगभग 5000 से भी अधिक वोटों से शिकस्त दे दी थी| वर्ष 2008 में यहां से टिकट की मजबूत दावेदारों में शोभा सोलंकी भी शामिल थी लेकिन उन्हें दरकिनार कर आईएएस अधिकारी नीरज आर्य की पत्नी संगीता आर्य को कांग्रेस की टिकट दे दी गई| पैराशूट उम्मीदवार आने से एक बार फिर भाजपा की संजना आगरी ने बाजी मार ली| इस बार आगरी का जीत का अंतर पिछली बार से भी 2 गुना हो गया था| संजना आगरी को 74595 वोट मिले थे और संगीता आर्य 3839 पर ही संतोष करने पर मजबूर रही| इस बार कांग्रेस शोभा सोलंकी पर दांव खेलने की तैयारी कर रही है| इस सीट से शोभा सोलंकी का नाम लगभग फाइनल हो चुका है| शोभा सोलंकी पिछले काफी समय से पार्टी की सेवा कर रही है और वह कई जिम्मेदार पदों पर अहम भूमिका भी निभा चुकी हैं| उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि एशिया में भी मनवाया है| उपलब्धियों के नाम पर शोभा सोलंकी के खाते में बहुत कुछ दर्ज हो चुका है| पिछली बार तक हाईकमान उनकी उपलब्धियों से अनजान था जिसके चलते उन्हें दरकिनार कर दिया गया था लेकिन इस बार खुद राहुल गांधी ने उनकी उपलब्धियों का बहीखाता ना सिर्फ देखा बल्कि उस पर मंथन भी कर रहे हैं| सोजत विधानसभा सीट में कुल 222000 मतदाता हैं जिनमें ज्यादातर आबादी माली और घांची समाज से ताल्लुक रखती है लेकिन निर्णायक वोटर इस बिरादरी को नहीं कहा जा सकता| कांग्रेस में तो यहां टिकट के कई दावेदार थे लेकिन शोभा सोलंकी बाजी मारने में कामयाब नजर आ रही हैं| वही असली लड़ाई भारतीय जनता पार्टी में देखने को मिल रही है| यहां दो बार विधायक रही संजना आगरी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का माहौल है जिसका खामियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है| यही वजह है कि पार्टी इस बार संजना आगरी की जगह दूसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है| यहां भारतीय जनता पार्टी से टिकट के दावेदारों में मदन लाल गहलोत मोदी, शोभा चौहान लक्ष्मी बारूपाल और संजना आगरी प्रमुख रूप से शामिल हैं। इनमें भी असली लड़ाई संजना आगरी और मदनलाल मोदी के बीच नजर आ रही है| मोदी के खाते में भी कई उपलब्धियां दर्ज हैं और स्थानीय होने का लाभ उन्हें मिल सकता है| कांग्रेस की भावी उम्मीदवार शोभा सोलंकी के पति एडवोकेट हैं और वह खुद भी फील्ड में काफी अच्छी पकड़ रखती हैं जिसके चलते उनके मुकाबले में वर्तमान विधायक को उतारना भाजपा के लिए मुसीबत बन सकता है| दिलचस्प बात यह है कि संजना आगरी पाली के रानी गांव की रहने वाली हैं| इसके चलते कांग्रेस बाहरी का मुद्दा भी उठा सकती है मगर भाजपा अगर मदनलाल या अन्य किसी स्थानीय उम्मीदवार को उतारती है तो स्थानीय और बाहरी के मुद्दे का चुनाव में फायदा कांग्रेस नहीं उठा पाएगी| पिछले चुनाव में यहां कुल 68.54 फीसद वोट पड़े थे| इस बार भी अगर वोटों का प्रतिशत बढ़ता है तो इसका फायदा स्थानी उम्मीदवार को ही होगा|

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