विचार

भारत-पाक को लेकर सही निकली नरेश नाथ की भविष्यवाणी, अब रक्षा मंत्रालय के बारे में कही ये बात…

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नीरज सिसौदिया, जालंधर
पंजाब के प्रसिद्ध ज्योतिष रत्नाकर नरेशनाथ की भविष्यवाणी एक बार फिर सत्य साबित हुई। उन्होंने 16 फरवरी को भविष्यवाणी की थी कि भारत वायु मार्ग के जरिए इस हमले का जवाब दे सकता है। इससे पहले भी नरेशनाथ द्वारा की गईं कई भविष्यवाणियां सटीक साबित हो चुकी हैं। ज्योतिषाचार्य नरेशनाथ ने 16 फरवरी को इंडिया टाइम-24 पर भविष्यवाणी की थी कि यदि जल और वायु मार्ग के प्रयोग से मिसाइल यानी अग्नि अस्त्र का प्रयोग किया जाए तो आतंकवादी संगठन नेस्तनाबूद हो सकते हैं क्योंकि पृथ्वी तत्व से जाना और आना घातक होगा।
उन्होंने ये भी कहा था कि यदि ज्योतिष गणना ठीक है तो 17, 18 और 19 तारीख के बीच में पाकिस्तान और चीन अपनी ज्यादा से ज्यादा सेना भारत की सीमा के नजदीक तैनात कर देगा। उन्होंने बताया था कि 17 फरवरी को 2.30 बजे के बाद उक्त योग बनने जा रहा है। फाल्गुन मास शुरू होते ही सूर्य देव कुंभ राशि में प्रवेश कर चुके हैं। जोकि शनि की तीसरी दृष्टि से पीड़ित हैं। इसी के साथ 17 फरवरी को चंद्रमा भी राहु से ग्रसित हो जाएंगे। यह योग क्या चमत्कार दिखाएगा। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य नरेशनाथ कहा था कि जो योग बनेगा वो विनाशकारी साबित होगा। क्योंकि राहू और चंद्रमा कर्क राशि जोकि जल तत्व की द्योतक है, उसमें विराजमान हैं। सूर्य देव कुंभ में वायु तत्व राशि में और शनि देव अग्नि तत्व की राशि में विराजमान होने के कारण कई गुण खिलाएंगे।
जैसे कि देश और काल की स्थिति के अनुरुप 17 फरवरी से 3 मार्च के बीच आकाश तत्व से अग्नि अस्त्र का चलना अशुद्ध संकेतों का कारण बन सकता है। ऐसे में जल के निकट बंदरगाहों की सुरक्षा अधिक करनी पड़ेगी। धरती तत्व के विपरीत वायु और जल अग्नि के मिश्रण से भयानक त्रासदी बना सकते हैं। ज्योतिष के अनुसार एक महत्वपूर्ण निर्णय में वर्तमान देश की सरकार सेना रक्षा मंत्रालय को गुरु गोरखनाथ की गद्दी से सचेत कर रहा हूं कि ये वक्त सर्जिकल स्ट्राइक के लिए उचित नहीं है।

देश में हो सकते हैं आत्मघाती हमले
ज्योतिष गणना को सही मानें तो 27 फरवरी से 3 मार्च के बीच की अवधि देश के लिए ठीक नहीं है। क्योंकि बुध ग्रह मीन राशि में जाकर नीच अवस्था को प्राप्त हुए हैं। चंद्रमा, शनि और केतु से गमन करेंगे। यह समय दो चीजों को बल देगा। पहला देश के किसी वरिष्ठ नेता को आत्मघाती हमले का शिकार होने का योग बनाता है। केंद्रीय सतर्कता एजेंसियों से मेरा अनुरोध है कि सेना बाहर से आने वाली मुसीबत को दूर करने में सक्षम है, लेकिन देश में बैठे आंतकवादी और उनके फिदायीन हमलों के लिए सतर्कता और सुरक्षाबलों का मजबूत होना और सजग होना बहुत जरूरी है। दूसरा जहां तेल और गैस विद्युत उत्पादन के भंडार हैं वहां की सुरक्षा बढ़ाना बहुत जरूरी है। आकाश से आग का गिरना उन स्थानों के लिए विनाशकारी हो सकता है। बताएं गए दिनों के अनुसार सुरक्षा बढ़ाना लाजमी है।

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