रामचंद्र कुमार अंजाना, बोकारो थर्मल
बेरमो अनुमंडल के ऊपरघाट स्थित पेंक-नारायणपुर थाना क्षेत्र के पिलपिलो निवासी झामुमो नेता देवनारायण महतो के अनुज सह कोयला कारोबारी तारा उर्फ तारकेश्वर महतो की हत्याकांड का उदभेदन पुलिस ने कर लिया है। कोयला कारोबारी तारा उर्फ तारकेश्वर महतो की हत्या 19 दिसंबर की रात पिलपिलो जंगल में निर्मम तरीके से पत्थर से कूचकर खेत में फंेक दिया था। इस मामले में मृतक के भाई ने पेंक-नारायणपुर थाना में जमीन विवाद को लेकर 6 लोगों पर 74/2018 के तहत नामजद अभियुक्त बनाया था। तत्कालीन बेरमो एएसपी सुभाषचंद्र जाट ने जब तहकीकात शुरू किया, तो पता चला था कि जमीन विवाद पर तारा उर्फ तारकेश्वर महतो की हत्या नही हुई है। जिससे नामजद अभियुक्तों पर तत्काल गिरफतारी पर रोक लगा दिया था। इसके तुरंत बाद बेरमो एएसपी का तबादला हो जाने के कारण मामले की जांच धीमी हो गयी। जिसके फलस्वरूप छह माह बाद पुलिस ने हत्या से शामिल गिरीडीह जिला के जरूवाडीह निवासी शंकर महतो को मोबाइल लोकेशन के आधार से गिरफतार किया। थाना प्रभारी छोटेलाल पासवान ने बताया कि गिरफतार अभियुक्त शंकर महतो अपने फर्द बयान में कबुल किया है कि 19 दिसंबर की रात पिलपिलो जंगल टैक्ट्रर से कोयला उठाने को लेकर विवाद हुआ था। विवाद को लेकर ही जंगल में ही पत्थर से कूचकर हत्या कर खेत में फेंक दिया था। हालांकि पुलिस ने यह खुलासा नही किया है कि इसके साथ और कई लोग साथ में थे। पुलिस के अनुसार पिलपिलो से कोयला की अवैध धंधा तारा उर्फ तारकेश्वर महतो नही चाहते थे कि यहां कोयला का काम चले। जिसका परिणाम स्वरूप तारा महतो की हत्या की गया। घटना के दिन तारा महतो अपने साइड पर ईंट मजदूरों को पेंमेंट करने गया था।
हत्या के महीनों दिन बाद पुलिस ने उसका मफलर व पेंट जंगल से बरामद किया। थाना प्रभारी ने बताया कि तारा उर्फ तारकेश्वर महतो हत्याकांड को लेकर अन्य दो लोगों को भी पकड़ा है। अभी पूछताछ जारी है। गिरफतार शंकर महतो को पुलिस ने आज तेनूघाट जेल भेज दिया। इस अभियान में बेरमो सर्किल इंस्पेक्टर सुधीर सुरीन, थाना प्रभारी छोटेलाल पासवान, सअनि चंद्रभुषण प्रसाद, कृष्णदेव राय, डीएन मुर्मू सहित सशस्त्र बल के जवान शामिल थे। इस मामले को लेकर परिजनों ने आरोपियों की गिरफतारी को लेकर थाना के समक्ष कई दिनों तक भूख हड़ताल भी किए थे।