पंजाब

पंजाब सरकार बाल मजदूरों के पुनर्वास को लेकर फिलहाल गंभीर नहीं

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लुधियाना : पंजाब में बाल मजदुरों के हक की लड़ाई के राह में सरकारी उदासीनता और अनियमितताओं की आंखमिचोली लंबे समय से सुर्खियों में है। जिला टास्क फोर्स कमेटी लुधियाना ने जुन और जुलाई माह में अबतक कुल मिलाकर 26 बाल मजदुरों को निजी फर्मों से छुड़ाया है,जबकि बच्चे हजारों की तादाद में काम करने को मजबूर हैं। कारखानों,निजी फर्मों से मुक्त कराये गये बच्चो की पढा़ई लिखाई व पुनर्वास के नाम पर महज एक बच्चे को लुधियाना के एक निजी स्कुल ने एडमिशन दिया है।
पंजाब में नैतिक मुद्दों को लेकर सजग एवं बेहद हीं जागरूक संस्था “सारस” के प्रतिनिधियों ने आज एक बैठक कर यह निर्णय लिया कि उस एक बच्चे के एडमिशन लेनेवाले स्कुल प्रशासन (श्री गुरू तेग बहादुर पब्लिक स्कुल,लुधियाना) की पहल को देखते हुये को वह स्कुल प्रशासन को सम्मानित करेंगे, जिन्होने बच्चे की निशुल्क पढाई लिखाई की घोषणा कर असंवेदनशील समाज को एक नेक संदेश देने का काम किया है।

साथ ही संस्था “सारस” के प्रोजेक्ट हेड शंकर चौधरी ने कहा कि वे लुधियाना के शिक्षा विभाग की डीओ सर्वजीत कौर एवं जिला बाल सुरक्षा अधिकारी सुश्री रश्मि को पहल के आधार पर अऩ्य बच्चों के समुचित पुनर्वास के सरकारी वादों को भी याद दिलाएंगे। आप सब की जानकारी के लिये बता दें कि आजतक पंजाब में बाल मजदूरो को कारखानों से छुड़ाने के बर्षो बाद भी उन्हें सरकारी अदारों से रिलीज सार्टिफिकेट तक जारी नहीं किये जाते,पुनर्वास तो दुर की बात है। प्रशासन के कुंभकरण वाली नींद से जगने के फिलहाल तो आसार नजर नहीं ही आ रहे।

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