झारखण्ड

भूख हड़ताल आंंदोलनकारी आज करेंगे आत्मदाह, सांसद से वार्ता होने की उम्मीद

Share now

बोकारो थर्मल। रामचंद्र कुमार अंजाना
डीवीसी पावर प्लांट में रोजगार की मांग लेकर 14 अक्टूबर से भूख हड़ताल कर विस्थापितों की स्थिति बिगड़ गयी। इसकी सूचना मिलने के बाद डीवीसी प्रबंधन ने चिकित्सकों का एक दल आंदोलन स्थल पर भेजकर जांच करवा गया। बुधवार को आहूत अधिकारियों के घेराव आंदोलन सांसद के पहल पर आंदोलनकारियों ने स्थगित कर दिया। बुधवार की देर रात तक सांसद चंद्रप्रकाश चैधरी के साथ स्थानीय डीवीसी प्रबंधन के वार्ता होने वाली है। अगर वार्ता नही हुआ, तो गुरूवार को आंदोलनकारी प्लांट गेट में आत्मदाह करेंगे। आंदोलनकारियों ने चिकित्सकों के द्वारा जांच के दौरान किसी भी प्रकार की दवा लेने से इंकार कर दिया है। आंदोलनकारियों ने कहा कि हमें दवा नही चाहिए, घर का कैसे चूल्हा जलेगा। इसका व्यवस्था कर दिजीए हुजूर। कि डीवीसी प्रबंधन इनलोगों को रोजगार दें। कहा कि जमीन देकर रोजगार के लिए दर-दर की ठोकरें खाना विस्थापित व रैयतों के लिए अभिशाप है। रोजगार के लिए विस्थापित व रैयत भूख हड़ताल पर बैंठे है और डीवीसी के किसी भी अधिकारियों ने सुधि लेना मुनासिब नही समझें।

चैयरमैन के साथ वार्ता होने के बाद ही इस आंदोलन को फूल स्टाॅप लगाया जाऐगा। बावजूद प्रबंधन नही विस्थापितों की आंदोलन के आगे नही झुकी, तो आगे की रणनीति तैयार है। विस्थापित समिति के केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश्वर मंडल ने कहा कि वर्ष 1991 से डीवीसी प्रबंधन के साथ गिरीडीह के तत्कालीन सांसद स्व. बिनोद बिहारी महतो के समक्ष त्रिपक्षीय वार्ता पर सूचीबद्व 85 विस्थापितों को रोजगार देने पर सहमति बनी थी। लेकिन 28 वर्ष बीत जाने के बाद भी सूचीबद्ध 85 विस्थापित व रैयतों को रोजगार नसीब नहीं हो रहा है। प्लांट के वार्षिक रख-रखाव के कामों में अधिकारी व ठेकेदार अपने-अपने रिश्तेदारों को मद्रास, बंगाल, बिहार आदि दूसरे राज्यों से बुलाकर काम करवा रही है और रहने के लिए डीवीसी का आवास दिया गया है। विस्थापितों के लिए आवास तो दूर रोजगार के लिए भूख हड़ताल आंदोलन करने पर विवश है।भूख हड़ताल आंदोलन में ताहिर हुसैन, रवि कुमार तुरी, जगदीश यादव, शैलेश पटवा, अमृत गोप, विशेषवर राम, अब्दुल गफूर, असगर अली, डीलू महतो व मिन्हाज आलम सहित दस विस्थापित शामिल है। सभी का तबीयत बिगड़ रही है, मगर प्रबंधन ने किसी डाॅक्टर से जांच कराने नही भेजा है। इससे प्रबंधन की मनोदशा यही दर्शाती है कि आंदोलनकारी मर जाए और उनके परिवार सड़क पर भीख मांगे। इस भूख हड़ताल आंदोलन के समर्थन में मजदूर नेता गणेश राम, विरेंद्र साव, सरयू ठाकुर, मनोज महतो, सुरेद्र महतो, चंद्रिका महतो, जितेंद्र यादव, सुल्तान अंसारी, तिलक महतो, जागेश्वर महतो, मुबारक अंसारी सहित राजाबाजार, नयी बस्ती, नुरीनगर, गोबिंदपुर व पटवा बस्ती के विस्थापित सहित सैकड़ों बेरोजगार शामिल है।

इधर, देर शाम डीवीसी प्रबंधन के साथ विस्थापितों एक वार्ता हुई। वार्ता में डीवीसी प्रबंधन विस्थापितों के मांग मानने से इंकार दिया। और वार्ता विफल हो गयी। वार्ता में आजसू के केंद्रीय महासिव डाॅ़ लंबोदर महतो, विस्थापित समिति के केंद्रीय अध्यक्ष दिनेश्वर मंडल, सांसद प्रतिनिधि दीपक कुमार महतो, प्रखंडध्यक्ष मंजूर आलम, सचिव सुरेश महतो, बच्चू सिंह, धानेश्वर यादव, महादेव महतो वही डीवीसी की ओर से अपर निदेशक नीरज सिन्हा, दिलीप कुमार, रविंद्र कुमार शामिल थे।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *