हरियाणा

शहीद का बेटा बोला, करूंगा देश की सेवा, पापा ने बोला था

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सोहना, संजय राघव
शहीद के बेटे ने नम आंखों से कहा बड़ा होकर करूंगा देश की सेवा पापा ने बोला था यह हृदय विदारक बात शहीद राज सिंह सिंह खटाना के 8 वर्षीय बेटे ने अपने पिता को मुखाग्नि देते समय कहां शहीद पिता के शव को देखकर बिलख बिलख कर रोया परिवार शहीद का शव का गांव में पहुंचते हैं चारों तरफ राज सिंह खटाना अमर रहे के लगे नारे। शहीद के परिवार मे शोक की लहर थी ।वही आज भी हौसला पूरी तरह से बुलंद था परिवार को नाज था इस शहादत पर.
गौरतलब है कि शहीद राज सिंह खटाना की शनिवार को आतंकवादियों से लोहा लेते समय श्री नगर के डोडा जिले में शहीद हो गए थे जिनके पार्थिव शरीर को आज उनके पैतृक गांव दमदमा लाया गया। जहां पर नम आंखों से लोगों ने उन्हें अंतिम विदाई दी इस मौके पर पूरी तरह से प्रशासनिक अमला मौजूद था.
शहीद का पार्थिव शरीर 4 बजे उनके पैतृक गांव दमदमा में पहुंचे पार्थिव शव के गांव में पहुंचते ही समस्त गांव की आंखें नम हो गई व शहीद के शहादत के नारे युवाओं ने लगाने शुरू कर दिए । गांव से पार्थिव शरीर को शहीद के घर पर ले जाया गया जहां पर उसकी पत्नी व उसके परिवार वालों ने उसके अंतिम दर्शन किए उसके पश्चात पार्थिव शरीर को शहादत के नारों के बीच गांव के स्वर्ग आश्रम में ले जाया गया ।जहां पर राजपूत रेजीमेंट के जवानों ने अंतिम सलामी ली.

शहीद राज सिंह खटाना साल 2011 में 5 राजपूत रेजीमेंट 10 में भर्ती हुए थे ।उनके पिता गजराज सिंह भी फौज में ही थे व उनके चाचा कैलाश भी फौज में थे । शहीद का पूरा ही परिवार फौज में रहा ।देशभक्ति की भावना उनमें कूट-कूट कर भरी हुई थी । शहीद के तीन बच्चे हैं बड़ा बेटा 8 साल का ऋषभ छोटा बेटा एक बिटिया है शहीद हमेशा अपने बच्चों को देशभक्ति की भावना से प्रेरित करते रहते थे। शनिवार को श्रीनगर के डोडा जिले में गांव खोत्री घाट में आतंकवादियों से मुकाबला करते समय शहीद हो गए. देश के नाम शहीद होने वाले राज सिंह ने शहादत देने से पहले अपनी माँ से वीडियो कॉल पर बात की थी।वीडियो कॉल पर हुई बातचीत में राज सिंह ने मा से अपना ख्याल रखने के बारे में राजी खुशी की बात करते हुए छुट्टी मिलते ही घर आने की बात कही थी। राज सिंह छ:महीने से लगातार डयूटी पर तैनात थे। वही राज सिंह ड्यूटी पर रहते हुए भी फोन पर अपने बेटे से बात कर अच्छे से पढ़ने की बात करते थे। ग्रमीणों के अनुसार राज सिंह बड़े ही सहनशील मिजाज व खेल के शौकीन थे।राज सिंह की शहादत के बाद ग्रमीण राज सिंह की तारीफ करते हुए नही थक रहे हैं।


पिता भी थे फ़ौज में
राज सिंह के पिता गजराज सिंह भी आर्मी से रिटायर्ड थे।जो करीब पांच साल पहले एक एक्सीडेंट में लगी चोट के कारण उनकी मौत हो गई थी।वही राज सिंह के चार बहने और 2 भाई है बहनें सभी शादी शुदा है। वही दो छोटे भाई है जो अभी पढ़ाई कर रहे है। राज सिंह के अपने 2 बेटे व 1 बेटी है।राज सिंह ने सीनियर सेकंडरी की परीक्षा पास करते ही नो साल पहले आर्मी जॉइन कर ली थी।और आर्मी में रहते हुए देश के लिए शहादत दे दी।

 

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