आओ करें दुनिया में कुछ
काम हम ऐसा।
दुनिया चाहे बनना फिर
हम ही जैसा।।
किरदार को जियें जिंदगी में
ऐसी शिद्दत से।
जाने से पहले बनाये अपना
नाम कुछ हम वैसा।।
विश्वास झलके हमारे हर
किरदार में।
कुछ कर गुजरने का यकीन
हो चाल ढाल में।।
जान लो हमारे शरीर का हर
अंग बोलता है।
इनकी मौन भाषा बोले हमारे
हर सरोकार में।।
अरमान रखो कि आसमां से
बात करनी है।
हो कैसी भी चुनौती हमें
लड़ाई लड़नी है।।
हो इरादा मजबूत तकलीफ
तो महसूस नहीं होती।
अपने हर किरदार में बस ये
बात धरनी है।।
-एस के कपूर “श्री हंस”