झारखण्ड

केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ संयुक्त मोरचा का प्रतिवाद जुलूस

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बोकारो थर्मल। कुमार अभिनंदन 
सोमवार को पूरे देश में निजीकरण विरोधी दिवस मनाया गया। उसी के तहत आज देश के सभी बैंक दो दिवसीय हड़ताल में रहें। बैंक को भी निजीकरण करने की साजिश की जा रहीं है। इसी को लेकर बैंक के समर्थन करने हेतू बोकारो थर्मल में संयुक्त ट्रेड युनियन का प्रतिवाद जुलूस निकाला गया। प्रतिवाद जुलूस में बेरमो कोयलांचल के सीसीएल के तीनों प्रक्षेत्र बीएंडके, ढोरी और कथारा एरिया के एटक, सीटू और एक्टू के यूनियन प्रतिनिधि सहित सैकडों समर्थक शामिल थे। प्रतिवाद जुलूस स्थानीय झारखंड चैक से शुरू होकर रेलवे स्टेशन पहुंचा, जहां एक सभा में तब्दील हो गयी। सभा को संबोधित करते हुए यूसीडब्लूयू के महामंत्री लखनलाल महतो ने कहा कि पीएम नरेंद्रनाथ मोदी देश को पूंजीपतियों के हाथों गुलाम बनाना चाहती है। सभी सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण करने पर आमदा है। वह बैंक एलआईसी, जीआईसी, रेल समेत सभी सार्वजनिक क्षेत्रों को पूजीपतियों के हाथों बेच रही है। सरकार के इन नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों ने भी कमर कस कर संघर्ष के मैदान में जाने का निर्णय ले लिया है। कहा कि इसी के आलोक में पिछले दिनों से चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ट्रेड यूनियन के लोग भी सड़क पर उतरकर किसानों का समर्थन कर रही है। ट्रेड यूनियन, किसान और मजदूर सभी मिलकर इस देश के सार्वजनिक क्षेत्र और कृषि दोनों को बचाने के लिए संघर्ष के मैदान में हैं। सीटू के भागीरथ महतो, श्याम बिहारी सिंह दिनकर, एक्टू के बालेश्वर गोप, यूसीडब्लूयू के रामेश्वर साव, सुरेश शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि बैंक, बीमा, रेल समेत सभी सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण, मजदूर विरोधी 4 लेबर कोड एवं बढ़ती महंगाई के खिलाफ संयुक्त मोरचा सरकार से लड़ने के लिए सड़क से सदन तक मोरचा लिए हुए है। कहा कि देश की कृषि बड़े पूंजीपतियों के हाथों जाने वाली है, अगर देश के किसान सड़क पर नहीं उतरते हैं, तो देश की कृषि पूंजीपतियों के हाथों चली जाएगी और देश के लोग अनाज के लिए पूंजीपतियों के ऊपर आश्रित हो जाएंगे। अब समय आ गया है कि देश के किसान और मजदूरों को एक साथ मिलकर वर्तमान की केंद्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त संघर्ष के मैदान में उतरना होगा। देश के सभी सार्वजनिक क्षेत्रों की रक्षा के लिए, चार लेबर कोड को रद्द करने के लिए, बढ़ती महंगाई के खिलाफ, जो सीटू और किसान सभा का यह अभियान चल रहा है, भविष्य में भी यह अभियान चलेगा और बड़ी लड़ाई देश को बचाने के लिए होगी । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकपा नेता चंद्रशेखर झा ने किया। प्रतिवाद जुलूस में मुख्य रूप से संयुक्त मोरचा में शामिल विश्वनाथ महतो, परन महतो, बिजय कुमार भोई, अख्मर अंसारी, देवाशीष रजवार, निजाम अंसारी, अर्जुन महतो, सुरेश महतो, रामबिलास रजवार, अनंतलाल महतो, शशिभुषण ओहदार, सुरेश यादव, मथुरा सिंह यादव, मिथिलेश महतो, राजकिशोर सिंह, यूसुफ अंसारी, सोनाराम मंराडी, रामेशवर गोप, साधु सहित सैकड़ों समर्थक शामिल थे।
देश की आंतरिक आर्थिक हालात काफी खराब: ब्रजकिशोर
बैंकों के निजीकरण के खिलाफ आज से शुरु दो दिवसीय हड़ताल और संशोधित कृषि कानून के विरोध के चल रहे किसान आंदोलन का भाकपा बेरमो अंचल परिषद समर्थन करती है। इस संबंध में अंचल मंत्री ब्रजकिशोर सिंह ने पत्रकारों से कहा कि इस हड़ताल मंे देश भर के लाखों कर्मचारी और अधिकारी हिस्सा ले रहें है। इनके संघर्षों को पार्टी सलाम करती है। जिस तरह से केंद्र सरकार एक तरफा फैसले लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों बैंक, रेल, ओएनजीसी, कोल, एरोड्रम, को बड़े-बड़े पूंजीपतियों के हाथों बेच रही है। इससे देश के आंतरिक आर्थिक हालात काफी खराब हो रही है, तो दुसरी ओर 44 श्रम कानूनों मे संशोधन कर मजदूरों का शो 4 कोड़ बनाया गया। यदि यह लागू हुआ तो देश के करोड़ों मजदूर कंपनी मालिकों के यहां बंधक बन जायेंगे और संशोधित नये कानूनों के तहत वंे अपने शोषण के खिलाफ कानून के दरवाजे भी नहीं खटखटा सकते। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर पर मजदूर आंदोलन भी होंगे। कहा कि पिछलें चार महीने से इस देश के किसान संशोधित तीनों काले कानून को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलनरत है। कई किसान इस लड़ाई में शहीद हो गए। नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा है। जीएसटी में रोज नये-नये संशोधन से व्यापारी वर्ग भी परेशान है और इन सब बातों से बेफिक्र देश के प्रधानमंत्री और मंत्री चुनाव प्रचार मंे व्यस्त है। इन सारे हालातों पर देश के सर्वोच्च न्यायालय को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और भारत सरकार के मनमानी पर रोक लगाते हुए प्रभावित जनमानस को न्याय दिलाने चाहिए।

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