जमाना झूठे हक़दारों का हो गया है।
आदमी के बीच दीवारों का हो गया है।।
पहले मारते और फिर करते हैं आगाह।
अब जमाना ऐसे ख़बरदारों का हो गया है।।
हर बात में देखते हैं मतलब पहले अपना।
यह जमाना ऐसे समझदारों का हो गया है।।
चोर चोर मौसेरे भाई वाले बन गए लोग।
अब जमाना ऐसे पहरेदारों का हो गया है।।
किसी को बात चुभती है तो चुभ जाये।
अब जमाना ऐसे रसूखदारों का हो गया है।।
कभी आग पर रोटी , तो कभी रोटी पर आग।
आज जमाना ऐसे सियासतदारों का हो गया है।।
*हंस* हर किसी के मुँह पर वैसी ही करें बात।
ये जमाना ऐसे कुछ होशियारों का हो गया है।।
-एस के कपूर “श्री हंस”
मो. 9897071046, 8218685464