रुक कर घर में जीत के दावेदार बने
सावधानी का दूसरों को इश्तिहार बने
सलीका अभी जीने का कुछ बदलना पड़ेगा
आप इस मुसीबत में इक़ सिपहसालार बनें
ऐसी क्या मजबूरी जिन्दगी से ज्यादा जरूरी
क्यों अपनों के लिए ही आप सितमगार बनें
खुद से खुद पर ही लगाओ जरा पाबंदी
आप खुद से ही जरा अपनी सरकार बनें
यह जान लेवा खूनी महामारी बीमारी में
जरा हुकूमत के आप भी इक़ मददगार बनें
क्या जरूरी है बेवजह बाहर घूमना फिरना
आप इस कोरोना कड़ी तोड़ने के सरदार बनें
इस मुश्किल घड़ी मेंअदा करना है फ़र्ज़ अपना
मत आप यूं इंसानियत के कर्जदार बनें
यह वक़्ती बीमारी चाहतीआपकी जिम्मेदारी
बन कर समझदार आप देश के वफादार बनें
*हंस* आपको अदा करनी अपनी पूरी अक्लमंदी
इस खूनी कोरोना रोकने की आप इक़ दीवार बनें
–एस के कपूर “श्री हंस”
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