शत कोटि नमन शत कोटि नमन,
करते हैं शहीदों तुमको हम।
तुमने दी ऐसी कुर्बानी,
हो गया लाल काला पानी,
हिल गये कलेजे दुश्मन के,
बस मौत अमर करके मानी।
शत कोटि नमन शत कोटि नमन,
करते हैं शहीदों तुमको हम।
तुम भी तो लाल किसी के थे,
राखी की लाज किसी के थे,
वलिदान देश के हित में जो,
ऐसे सिन्दूर किसी के थे।
शत कोटि नमन शत कोटि नमन,
करते हैं शहीदों. तुमको हम।
कल पेड़ लगाये जो तुमने,
फल आज खाये हैं वे हमने,
तोड़ेंगे हम उन हाथों को,
जो हाथ लगायेंगे इनको।
शत कोटि नमन शत कोटि नमन
करते हैं शहीदों तुमको हम।
यह दान तुम्हारा हम पे है ,
एहसान तुम्हारा हम पे है,
हम नहीं इसे खोने वाले,
यह वचन हमारा तुमसे है।
शत कोटि नमन शत कोटि नमन,
करते हैं शहीदों तुमको हम।
हम नहीं भूलने पायेंगे,
माता की लाज बचायेंगे,
प्यारी है मातृभूमि हमको,
इसके हित प्राण गवायेंगे।
शत कोटि नमन शत कोटि नमन,
करते हैं शहीदों तुमको हम।
वह खून आज रंग ले आया,
जिसको था तुमने बिखराया,
पन्द्रह अगस्त का दिन फिर से,
शान से तिरंगा लहराया।
शत कोटि नमन शत कोटि नमन,
करते हैं शहीदों तुमको हम।
लेखिका-प्रमोद पारवाला, बरेली उत्तर प्रदेश