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15 नवंबर तक आ सकती है सपा के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट, कैंट सीट पर अनुराग सिंह नीटू और पवन सक्सेना में है अंतिम मुकाबला, मुस्लिमों में इं. अनीस आगे

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नीरज सिसौदिया, बरेली
समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की पहली सूची जल्द ही जारी करने की तैयारी कर रही है। पार्टी मुख्यालय के सूत्र बताते हैं कि लगभग डेढ़ सौ उम्मीदवारों की घोषणा आगामी 15 नवंबर से पहले की जा सकती है। इनमें वे सीटें रखी गई हैं जिन पर कोई बड़ा विवाद नहीं है। साथ ही ऐसी सीटें भी इस पहली लिस्ट में शामिल की गई हैं जिन पर समाजवादी पार्टी को लगातार हार का सामना करना पड़ रहा है। इनमें से कुछ सीटें गठबंधन के साथी छोटे दलों की भी हो सकती हैं। बरेली जिले की कैंट, शहर और नवाबगंज सीट के प्रत्याशियों की भी घोषणा पहली सूची में किए जाने की प्रबल संभावनाएं जताई जा रही हैं। कैंट सीट पर अगर मुस्लिम प्रत्याशी उतारा जाता है तो इंजीनियर अनीस अहमद का प्रत्याशी बनना तय माना जा रहा है। वहीं अगर समाजवादी पार्टी इस बार हिंदू चेहरा मैदान में उतारती है तो यहां पर मुख्य मुकाबले में फिलहाल सिर्फ दो चेहरे ही नजर आ रहे हैं। इनमें पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष अनुराग सिंह नीटू और उपजा प्रेस क्लब अध्यक्ष एवं व्यापारी नेता पवन सक्सेना शामिल हैं। दोनों ही नेता जमीनी स्तर पर पार्टी को मजबूती देने का काम कर रहे हैं। दोनों ने ही कुछ महीने पहले ही समाजवादी पार्टी की सदस्यता ली है और दोनों ही हिन्दू एवं मुस्लिम मतदाताओं के बीच लोकप्रिय भी हैं। अनुराग सिंह नीटू छात्र नेता होने की वजह से घर-घर पहुंच चुके हैं और उनकी शख्सियत किसी परिचय की मोहताज नहीं है। उसी तरह पत्रकार होने के नाते पवन सक्सेना भी हर जाति धर्म के लोगों के बीच लोकप्रिय हैं। ऐसे में दोनों में से एक का चयन आसान नहीं होगा। अगर पार्टी नीटू का टिकट काटती है तो जिले में ऐसा कोई चेहरा नहीं है जो क्षत्रिय बिरादरी को साधने में सक्षम हो। ऐसे में क्षत्रियों की नाराजगी सपा को झेलनी पड़ सकती है क्योंकि सपा पर पहले से ही पिछड़ों की पार्टी होने की मुहर लगी हुई है। वहीं, अगर पवन सक्सेना का टिकट काटा जाता है तो कायस्थ बिरादरी भी हक की मांग जरूर करेगी।
वहीं नवाबगंज में पूर्व मंत्री भगवत सरन गंगवार का रास्ता एकदम साफ नजर आ रहा है। उनके मुकाबले कोई ऐसा टिकट का दावेदार फिलहाल नजर नहीं आ रहा जो भगवत सरन से बेहतर विकल्प साबित हो सके।
शहर विधानसभा की बात करें तो यहां हिन्दुओं में फिलहाल नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष राजेश अग्रवाल और जिला सहकारी संघ के पूर्व चेयरमैन महेश पांडेय का नाम सामने आ रहा है। राजेश अग्रवाल की चर्चा आम है और महेश पांडेय हाईकमान से नजदीकियों की वजह से चर्चा में हैं।
शहर विधानसभा सीट पर डा. अनीस बेग की एंट्री के बाद सियासी समीकरण कुछ बदले-बदले जरूर नजर आ रहे हैं। अब तक मुस्लिम दावेदारों में यहां मो. कलीमुद्दीन और पार्षद अब्दुल कय्यूम मुन्ना का नाम सामने आ रहा था लेकिन अब डा. अनीस बेग की दावेदारी से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
बहरहाल, 15 नवंबर तक सियासी तस्वीर काफी हद तक साफ होने की उम्मीद जताई जा रही है।

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