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चौधरी अफसर खां के समर्थन में एकजुट हो रहा मेवाती समाज, अखिल भारतीय मेवाती संघ भी अफसर खां के साथ, पढ़ें क्‍या है मामला?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
बरेली जिले की भोजीपुरा विधानसभा सीट इन दिनों हॉट सीट बनी हुई है। इसकी सबसे बड़ी वजह मेवाती समाज है। मेवाती समाज वह समाज है जो आजादी के बाद से लेकर अब तक उपेक्षित रहा है। किसी भी पार्टी ने अब तक इस समाज को विधानसभा चुनाव में प्रतिनिधित्‍व नहीं दिया है। भोजीपुरा विधानसभा सीट पर यह समाज बहुतायत में है। यही वजह है कि इस बार इस सीट से मेवाती समाज के प्रतिनिधि को टिकट देने की मांग पुरजोर तरीके से उठाई जा रही है। इसे लेकर हाल ही में मेवाती समाज के लोगों का एक सम्‍मेलन भी आयोजित किया गया जिसमें मेवाती समाज के प्रतिनिधि को टिकट देने की मांग की गई।
अब अगर मेवाती समाज के कद्दावर नेताओं की बात करें तो सबसे पुराने नेता के तौर पर पहला नाम अखिल भारतीय मेवाती संघ के अध्‍यक्ष और भोजीपुरा विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट के प्रबल दावेदार चौधरी अफसर खां का आता है। चौधरी अफसर खां लगभग बीस वर्षों से सक्रिय राजनीति का हिस्‍सा हैं। उनका राजनीतिक कद अन्‍य मेवाती समाज के नेताओं से इस मायने में भी बड़ा नजर आता है क्‍योंकि वह एकमात्र ऐसे मेवाती समाज के नेता हैं जो विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं। अखिल भारतीय मेवाती संघ के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष होने के नाते सिर्फ भोजीपुरा ही नहीं वरन् प्रदेशभर की विधानसभा सीटों में उनकी पकड़ अपने समाज पर मजबूत है। प्रदेशभर के मेवाती संघ से जुड़े लोग चौधरी अफसर खां को विधायक बनते देखना भी चाहते हैं। यही वजह है कि इस बार वे सभी लोग चौधरी अफसर खां के पक्ष में एकजुट हो चुके हैं। अगर पार्टी उन्‍हें मैदान में उतारती है तो प्रदेश की कई सीटों पर सपा को इसका लाभ मिल सकता है। कुछ सीटें ऐसी हैं जहां मेवाती समाज जीत का आंकड़ा हासिल करने की स्थिति में तो नहीं है मगर इस स्थिति में जरूर है कि किसी भी राजनीतिक दल का सियासी गणित बिगाड़ सके। यह एकमात्र ऐसा समाज है जो मुद्दों पर नहीं बल्कि अपने नेता के इशारे पर चलता है।
अखिल भारतीय मेवाती संघ के अध्‍यक्ष चौधरी अफसर खां बताते हैं, ‘विभिन्‍न राजनीतिक दलों में से किसी भी दल ने आजादी के बाद से अब तक हमारे समाज को विधानसभा में प्रतिनिधित्‍व नहीं दिया। इसी उपेक्षा की वजह से आज हमारा समाज हाशिये पर आ चुका है। हमारे समाज के लोग आज भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं। उनका शैक्षिक स्‍तर निम्‍न है। कई परिवार तो ऐसे हैं जिन्‍हें दो वक्‍त की रोटी तक नसीब नहीं होती।” वह सवाल उठाते हैं, ‘क्‍या हमारे समाज को आगे बढ़ने का अधिकार नहीं है? क्‍या हमारा समाज सिर्फ वोट बैंक तक ही सीमित रहेगा? उसे प्रतिनिधित्‍व करने का मौका कब मिलेगा? जब अंसारी, शेख, कुर्मी, यादव, पठानों को प्रतिनिधित्‍व मिलता है तो हमें क्‍यों नहीं मिलना चाहिए?”
मेवाती समाज से जुड़े सपा के टिकट के विरोधी दावेदारों पर चौधरी अफसर खां कोई टिप्‍पणी नहीं करते। वह सिर्फ इतना कहते हैं कि जो व्‍यक्ति जनता के सामने ठीक से अपनी बात तक नहीं रख पाता वह विधानसभा में उनकी आवाज को कितना बुलंद कर पाएगा इसका अंदाजा खुद ब खुद लगाया जा सकता है। वह कहते हैं कि जनता में जो भी लोकप्रिय और समझदार मेवाती समाज का नेता हो उसे टिकट दिया जाना चाहिए। हमारा मकसद समाज को आगे बढ़ाना है न कि समाज के नाम पर राजनीति करना। जनता यह भली-भांति जानती है कि उनके साथ कौन हमेशा खड़ा रहता है और उसे किसके साथ खड़ा होना है। मुझे मेरे समाज के लोग बेहद प्‍यार करते हैं। अगर राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मुझे यह अवसर प्रदान करते हैं तो निश्चित तौर पर 120 भोजीपुरा विधानसभा सीट ही नहीं बल्कि प्रदेश की उन सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी का परचम लहराएगा जिन पर मेवाती समाज बहुतायत में है।”

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