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अखिलेश के मंच से धक्का देकर उतारे जाते हैं मुसलमान, सपा से नाराज हैं मुस्लिम, पढ़ें कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार हाजी इस्लाम बब्बू की दावेदारी का क्या है आधार?

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नीरज सिसौदिया, बरेली
‘मुसलमान समाजवादी पार्टी से नाराज है। सपा ने वर्ष 2022 के चुनावी घोषणा पत्र में मुसलमानों को 22 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया था लेकिन सत्ता में आने के बाद मुस्लिमों को धोखा दिया। अखिलेश यादव के मंच से मुसलमानों को धक्का देकर भगाया जाता है। ऐसे में मुसलमान समाजवादी पार्टी को वोट बिल्कु्ल भी नहीं देगा।‘ उक्त बातें 125 कैंट विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट के प्रबल दावेदार हाजी इस्लाम बब्बू ने इंडिया टाइम 24 के साथ खास बातचीत में कहीं।
हाजी इस्लाम बब्बू वर्ष 1995 में पहली बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर पार्षद बने थे। उसके बाद निर्दलीय चुनाव जीतते आ रहे हैं। कभी वह खुद पार्षद बने तो कभी उनकी पत्नी पार्षद रहीं। वर्तमान में उनकी पत्नी नरगिस बेगम वार्ड 71 से पार्षद हैं। लहर चाहे किसी की भी रही हो पर वार्ड पर हाजी इस्लाम बब्बू के परिवार का ही कब्जा रहा। अंसारी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले हाजी इस्लाम बब्बू वर्ष 2012 में नवाबगंज सीट से पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े थे। उस वक्त उन्हें पीस पार्टी का समर्थन प्राप्त था। उस चुनाव में उन्हें। 43 हजार से भी ज्यादा वोट हासिल हुए थे। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में वह समाजवादी पार्टी से टिकट के प्रबल दावेदार थे। उनका टिकट फाइनल भी हो चुका था लेकिन नामांकन से चंद रोज पहले सपा और कांग्रेस का गठबंधन हो गया और नवाब मुजाहिद हसन खां गठबंधन के उम्मीदवार बने। वर्ष 2020 में बब्बू ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और अब वह कांग्रेस से कैंट विधानसभा सीट के टिकट के प्रबल दावेदार हैं।
दावेदारी का आधार पूछने पर वह कहते हैं, ‘अन्य दावेदारों से मेरा कोई मुकाबला नहीं है। मेरी दावेदारी का मुख्य आधार मेरा 26 वर्षों का सक्रिय राजनीति का सफर है। मैं गैर राजनीतिक पारिवारिक पृष्ठ भूमि से हूं। मैंने जो कुछ हासिल किया वह अपने दम पर और अपनी मेहनत से हासिल किया। मेरी राजनीतिक कर्मभूमि हमेशा से कैंट विधानसभा सीट ही रही है। मैंने जब नवाबगंज सीट से चुनाव लड़ा था तो मेरा वहां कोई राजनीतिक वजूद नहीं था लेकिन मेरे व्यवहार की बदौलत ही मुझे वहां से 43 हजार से भी अधिक वोट मिले थे।‘
कहा जा रहा है कि इस बार मुसलमान भाजपा से नाराज है और मुस्लिम वोट एकतरफा समाजवादी पार्टी के खाते में जाएगा। ऐसे में कांग्रेस एक मुसलमान पर दांव क्यों खेलेगी, पूछने पर हाजी इस्लााम बब्बू कहते हैं, ‘जब मैंने वर्ष 2012 में नवाबगंज से विधानसभा चुनाव लड़ा था उस वक्त प्रदेश में समाजवादी पार्टी की लहर थी लेकिन मुझे 43 हजार से ज्यादा वोट मिले थे। इनमें सबसे अधिक मुस्लिाम वोट ही थे। इस बार भी मुस्लिम सिर्फ समाजवादी को वोट नहीं देगा बल्कि चेहरे पर वोट देगा। मैं अंसारी समाज से ताल्लुक रखता हूं और कैंट सीट पर लगभग 50 फीसदी से भी अधिक वोट मेरी बिरादरी का है। मेरी बिरादरी मेरे साथ है। चूंकि पिछली बार सपा से मेरा टिकट कट गया था इसलिए मेरे प्रति मेरी बिरादरी की और पूरे मुस्लिम समाज की सहानुभूति भी है। अखिलेश यादव और समाजवादी पार्टी में अब मुस्लिमों के हित सुरक्षित नहीं रह गए हैं। मुसलमानों से किया एक भी वादा सपा ने पूरा नहीं किया। अखिलेश यादव के मंच से मुसलमान नेताओं को धक्का देकर नीचे उतारा जाता है। कैंट में ज्यादातर मेरी बिरादरी के ही विधायक रहे हैं। इसलिए अगर पार्टी मुझे टिकट देती है तो हम कैंट की सीट जरूर जीतेंगे।‘
बहरहाल, कैंट विधानसभा सीट पर हाजी इस्लाम बब्बू की दावेदारी काफी मजबूत नजर आती है। अब सुप्रिया एरन और नवाब मुजाहिद हसन खां के बीच से बब्बू टिकट निकालने में कितने सफल होते हैं यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा।

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