नीरज सिसौदिया, बरेली
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का आज जन्मदिन है। यह दिन उत्तर प्रदेश के लिए राजनीतिक दृष्टिकोण से भी काफी अहम माना जा रहा है। इस मौके पर एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या नेता जी का जन्मदिन मनाने के साथ ही उनके पुराने साथियों को भी पार्टी अध्यक्ष वह सम्मान देंगे जो कभी नेता जी दिया करते थे। खास तौर पर विधानसभा चुनाव में प्रतिनिधित्व देने को लेकर अटकलों का दौर रफ्तार पकड़ने लगा है। बात अगर बरेली जिले की करें तो मुलायम सिंह यादव के सबसे करीबी नेताओं में सबसे पहला नाम जिला सहकारी संघ के पूर्व चेयरमैन महेश पांडेय का आता है। महेश पांडेय उस दौर से नेताजी की टीम का हिस्सा हैं जब समाजवादी पार्टी का गठन भी नहीं हुआ था।

पार्टी की खातिर जाने कितने आंदोलनों में उन्हें जेल भी जाना पड़ा लेकिन महेश पांडेय ने कभी मुलायम सिंह यादव का साथ नहीं छोड़ा। मुलायम सिंह भी उन्हें उतनी ही तवज्जो देते थे जितनी एक वफादार सिपहसालार को मिलनी चाहिए। यही वजह रही कि जिस दौर में बरेली जिले में पूर्व जिलाध्यक्ष वीरपाल सिंह यादव का एकछत्र राज था उस दौर में भी महेश पांडेय कभी वीरपाल के दबाव में नहीं आए। पंद्रह साल तक जिला सहकारी संघ के चेयरमैन की कुर्सी पर महेश पांडेय ही काबिज रहे। परिवार में विभाजन हुआ और शिवपाल यादव ने अलग पार्टी बना ली। वीरपाल यादव अपनी टीम के साथ शिवपाल की पार्टी में चले गए मगर महेश पांडेय ने अखिलेश यादव का साथ नहीं छोड़ा।
इन दिनों 124 बरेली शहर विधानसभा सीट से महेश पांडेय का नाम चर्चा में है। महेश पांडेय विधानसभा चुनाव लड़ना भी चाहते हैं लेकिन टिकट मांगने को तैयार नहीं हैं। वह कहते हैं कि अगर पार्टी उन्हें इस लायक समझेगी तो उन्हें पार्टी हाईकमान से खुद आदेश दिया जाएगा।जब पार्टी हाईकमान उन्हें आदेश देगा तो वह उसी तरह हाईकमान के आदेश का पालन करेंगे जिस तरह से करते आ रहे हैं। लखनऊ मुख्यालय के सूत्र बताते हैं कि शहर विधानसभा सीट से कोई बड़ा दमदार हिन्दू दावेदार न होने के कारण पार्टी महेश पांडेय के नाम पर विचार कर रही है। सूत्र यह भी बताते हैं कि महेश पांडेय के जरिये ब्राह्मण समीकरण को साधने की भी तैयारी है। महेश पांडेय की शहर सीट से उम्मीदवारी बरेली जिले की मीरगंज, बिथरी और आंवला सीट पर भी सियासी समीकरण साधने में सफल हो सकती है। बहरहाल, पार्टी क्या निर्णय लेती है इसका फैसला आगामी एक सप्ताह में होने की संभावना जताई जा रही है।

अब तक इस सीट पर अब्दुल कय्यूम मुन्ना, डा. अनीस बेग और मोहम्मद कलीमुद्दीन प्रबल दावेदार हैं लेकिन पार्टी यहां से हिन्दू उम्मीदवार उतारना चाहती है। ऐसे में यहां सिर्फ दो ही बड़े चेहरे दिखते हैं जिनमें नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष राजेश अग्रवाल और महेश पांडेय हैं। महेश पांडेय चूंकि हर मामले में राजेश अग्रवाल से वरिष्ठ हैं और पार्टी हाईकमान में गहरी पैठ भी रखते हैं, इसलिए उनकी दावेदारी ज्यादा मजबूत नजर आती है। हालांकि राजेश अग्रवाल एक साफ सुथरी छवि वाले जमीनी स्तर के नेता हैं।