नीरज सिसौदिया, बरेली
भोजीपुरा विधानसभा क्षेत्र के इतिहास में पहली बार मुस्लिम और दलित महिलाओं ने सम्मेलन कर किसी दावेदार को टिकट देने की मांग उठाई है। अब तक मुस्लिम समाज की जो महिलाएं पर्दे से बाहर तक निकलने को तैयार नहीं थीं वे महिलाएं हाजी तसव्वर खां को टिकट दिलाने के लिए पहली बार सम्मेलन करती नजर आईं। महिलाओं का कहना था कि अखिलेश यादव हमारे हाजी जी को उम्मीदवार बनाएं, उन्हें जिताने की जिम्मेदारी हमारी होगी। हम घर-घर जाकर हाजी तसव्वर खां के लिए वोट मांगेंगे। दिलचस्प बात यह रही कि इस सम्मेलन में ज्यादातर महिलाएं अंसारी, बंजारा, अल्वी, कुरैशी, सलमानी और प्रजापति समाज से ताल्लुक रखती हैं जबकि हाजी तसव्वर खां मेवाती समाज से हैं।
गांव भीकमपुर में आयोजित इस महिला सम्मेलन में आसपास के कई गांव की सैकड़ों महिलाएं शामिल हुईं।
सम्मेलन में पहुंची शहजादी ने कहा कि हाजी तसव्वर खां हमारे क्षेत्र के रहने वाले हैं और हम चाहते हैं कि इस बार समाजवादी पार्टी किसी बाहरी नेता को मैदान में न उतारे। हमारे क्षेत्र के ही नेता को टिकट दिया जाए।
ग्राम प्रधान नूरजहां ने कहा कि हाजी तसव्वर खां जमीन से जुड़े नेता हैं और हमारे क्षेत्र के नेता हैं। हम सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से मांग करते हैं कि वह इस बार हमारे विधानसभा क्षेत्र के ही नेता को टिकट दें न कि किसी बाहरी विधानसभा क्षेत्र के नेता को। अगर हाजी तसव्वर खां को टिकट मिलता है तो हम सभी मुस्लिम महिलाएं उन्हें जिताने के लिए घर-घर जाकर वोट मांगेंगी और उन्हें जिताने की पूरी जिम्मेदारी हमारी होगी।
विमला प्रजापति कहती हैं कि हमारे क्षेत्र में अब तक कोई विकास नहीं हुआ क्योंकि अब तक यहां जो भी विधायक बना वह बाहरी था और चुनाव जीतने के बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हाजी तसव्वर खां हर कदम पर हमारा साथ देते हैं। इसलिए हम चाहते हैं कि इस बार वही विधायक बनें। आज के इस महिला सम्मेलन का आयोजन भी इसीलिए किया गया है ताकि हम सभी महिलाओं की आवाज राष्ट्रीय अध्यक्ष तक पहुंचे।
शांति देवी कहती हैं कि हाजी तसव्वर खां ही हमारी पहली पसंद हैं। अगर उन्हें टिकट मिलता है तो उनकी जीत पक्की है। उन्हें जिताने के लिए हम सभी महिलाएं दिन रात एक कर देंगी। अगर उन्हें टिकट नहीं मिलता है तो मजबूरन हमें विरोधी दल को वोट देना पड़ेगा क्योंकि हम नहीं चाहते कि कोई भी बाहरी व्यक्ति इस बार विधायक बने और चुनाव जीतने के बाद गायब हो जाए।
बहरहाल, महिला सम्मेलन में उमड़ा हुजूम यह संकेत दे रहा था कि अगर भोजीपुरा विधानसभा सीट से हाजी तसव्वर खां को टिकट मिलता है तो भाजपा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं अन्यथा समाजवादी पार्टी के लिए यह सीट जीतना आसान नहीं होगा।
बहरहाल, महिलाओं के एकजुट होने के बाद पार्टी हाईकमान को एक बार तो हाजी तसव्वर खां की दावेदारी पर गंभीरता से विचार करना होगा। क्योंकि भोजीपुरा के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है जब इतनी बड़ी तादाद में मुस्लिम और दलित समाज की महिलाएं किसी दावेदार के पक्ष में एकजुट होकर टिकट की मांग कर रही हैं। वह भी तब जबकि सपा में नाममात्र ही मुस्लिम महिला नेत्रियां मौजूद हैं।
बहरहाल, यह देखना दिलचस्प होगा कि आधी आबादी की आवाज को अखिलेश यादव कितनी गंभीरता से लेते हैं।