विचार

इंद्रधनुष से कुछ रंग लेकर, होली खेलेंगे रंगों में कुछ प्रेम पगाकर , होली खेलेंगे

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प्राकृतिक से चित्र दिखेंगे , हर् तन, हर मन पर ।

चित्रमयी दर्पण चित्रित हो, आंगन- आंगन पर ।
रंग सजा हर अंर्तमन पर, होली खेलेंगे ।
इंद्रधनुष से.

रंगों में रंग मिल जाते तो, नवरंग बन जाते ।
मित्रों जैसे इतराते रंग, खिल – खिल बतियाते ।
तेरा – मेरा यह हम तजकर , होली खेलेंगे ।
इंद्रधनुष से .

खुशियां आतीं तो होलीमय, सब कुछ हो जाता ।
अक्षर शब्द राग सरगम संग, गीत नया गाता ।
रंगों का संगीत सुनाकर, होली खेलेंगे ।

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